चंडीगढ़। अग्निपथ योजना के खिलाफ पंजाब में विरोध तेज होने के आसार हैं। राज्य सरकार योजना के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य सरकारों से अग्निपथ के खिलाफ लामबंद होने के लिए भी कहा है। पंजाब विधानसभा में जारी बजट सत्र के दौरान नई योजना पर चर्चा हुई। विपक्ष ने भी इसका समर्थन किया है। विधानसभा में मान ने कहा, ‘भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि अगर आप समझ सकें, तो यह बेहतर लगेगा। क्या उनके पास ही समझने की क्षमता है? क्या हम समझदार नहीं हैं? जो कानून आम आदमी को समझ न आएं, उन्हें बनाना ही नहीं चाहिए। देश की हर विधानसभा में अग्निपथ के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाने चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘जब मैं सोचता हूं कि एक 17 वर्षीय भर्ती होगा और 21 साल की उम्र में वापस आएगा, तो उसकी शादी भी नहीं हुई होगी, उसे पूर्व सैनिक के तौर पर मान्यता भी नहीं मिलेगी।’ चर्चा के दौरान विपक्ष के नात प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि रक्षा बलों में पहले पंजाब के 20 फीसदी युवाओं की भर्ती होती थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद इसे जनसंख्या के आधार पर किया और राज्य से 7.8 फीसदी भर्ती हुई। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘अग्निपथ योजना से यह कम होकर 2.3 प्रतिशत पर आ जाएगी। हमें इसका विरोध करने के लिए संयुक्त प्रस्ताव लाना चाहिए।’
पश्चिम बंगाल सरकार ने भी उठाए सवाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी लगातार अग्निपथ योजना पर सवाल उठा रही हैं। मंगलवार को ही उन्होंने इस योजना को ‘कचरे का डिब्बा’ बताया था। साथ ही चार साल बाद सैनिकों को नौकरी देने से इनकार किया था। मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान सीएम बनर्जी ने कहा, ‘मुझे एक पत्र मिला है (केंद्र की तरफ से) जिसमें उन्होंने राज्य सरकार से अग्निवीरों को 4 साल के बाद नौकरी देने की अपील की है। वे चाहते हैं कि मैं भाजपा कार्यकर्ताओं को नौकरी दूं… हमें ऐसा क्यों करना चाहिए?… पहली प्राथमिकता प्रदेश के युवाओं को दी जाएगी।’