दुर्लभ शल्य क्रिया के द्वारा महिला की बचाई जान

रायपुर। पं. जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के चिकित्सकों डॉ. रूचि किशोर (प्राध्यापक), डॉ. अंजूम (सहायक प्राध्यापक), डॉ. स्मृति नाईक (सह प्राध्यापक), डॉ. कल्याणी पीजी छात्रा एवं टीम के द्वारा एक अत्यंत दुर्लभ शल्य चिकित्सा कर 43 साल की महिला की जान बचाई गई। इस शल्य क्रिया में अधिष्ठाता डॉ. तृप्ति नगरिया एवं विभागाध्यक्ष डॉ.ज्योति जायसवाल के द्वारा सतत दिशानिर्देश प्राप्त होते रहे। उक्त महिला को विगत कई सालों से गर्भाशय में गठान की समस्या थी जो कि अस्पताल आने से एक दिन पहले अचानक से गर्भाशय को पलटते हुये गर्भाशय के रास्ते बाहर आई। इसे विज्ञान की भाषा में (नॉन प्यूरपेरल यूटेराईन इनवर्शन विद फंडल फाईब्रॉइड कहते हैं। उक्त गठान 1.25 किलो की थी व मरीज का खून का नम्बर मात्र 3 ग्राम था। मरीज को साथ ही अंडाशय में सिस्ट थी जो कि आसपास के अंगों से चिपकी हुयी थी। अभी तक इस तरह केसेस( पूरे विश्व में 200 से भी कम उल्लेखित है।
महिला कई अस्पतालों से होती हुयी डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय पहुंची जहां सफलतापूर्वक यह जटिल शल्य क्रिया की गयी व महिला की जान बचायी गयी। महिला एवं उसके परिजन अस्पताल के डाक्टरों द्वारा किये गये उपचार एवं देखभाल से संतुष्ट एवं प्रसन्न थे।
मरीज जसवंतीन का कथन
मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लगा मैं बहुंत सारे अस्पताल गई थी लेकिन मुझे वहां किसी ने छुआ भी नहीं। यहां के डॉक्टरों से मुझे नया जीवन दान मिला है। यहा का रहना खाना भी बहुत अच्छा है।

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