1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाने वाले पूर्व नेवी चीफ एडमिरल रामदास का निधन

हैदराबाद
भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) लक्ष्मीनारायण रामदास का शुक्रवार को हैदराबाद के एक सैन्य अस्पताल में निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। रक्षा सूत्रों ने रामदास के निधन की जानकारी दी है। रामदास ने दिसंबर 1990 से सितंबर 1993 तक नौसेना प्रमुख के पद पर अपनी सेवाएं दी थीं। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी।

सूत्रों ने बताया कि रामदास का बढ़ती उम्र संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी ललिता रामदास और तीन बेटियां हैं। वह पाकिस्तान-इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी से जुड़े थे। दक्षिण एशिया को सैन्यीकरण से दूर करने  और परमाणु निरस्त्रीकरण के उनके प्रयासों के लिए 2004 में उन्हें शांति के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

अन्ना आंदोलन के बाद जब अरविंद केजरीवाल ने कई नामी-गिरामी शख्सियतों के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी का गठन किया था,तब उसमें एडमिरल रामदास ने भी बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई थी। वे ऐसे अकेले शख्स थे जिसे केजरीवाल अपनी कार में बैठाकर चुनाव आयोग के दफ्तर ले गए थे। बाद में केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी ने एडमिरल रामदास को पार्टी के आंतरिक लोकपाल समूह का जिम्मा सौंपा था लेकिन 2015 में दिल्ली चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ जब केजरीवाल सीएम बने तो कई संस्थापक सदस्यों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।

उन लोगों में एडमिरल रामदास भी शामिल थे। जब रामदास ने केजरीवाल को उसी मुद्दे पर फोन किया था तो आप संयोजक ने उनका फोन नहीं उठाया था। इस घटना का बयान खुद एडमिरल रामदास ने किया था। तब इसका जिक्र करते हुए उनका गला भर आया था और वो ऑन कैमरा रो पड़े थे। रामदास को ये बात खूब खली थी कि स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के बावजूद वह मुंबई से दिल्ली आ गए थे ताकि केजरीवाल और पार्टी को मदद कर सकें लेकिन उनके साथ बुरा बर्ताव किया गया।

 

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