केलंग
हिमाचल से पाकिस्तान जाने वाली चिनाब (चंद्रभागा) नदी का जल बहाव रुक गया है। कई सालों बाद जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में इतना अधिक हिमपात (Snowfall) हुआ है। रविवार को भी घाटी में हिमपात का दौर जारी है। भारी हिमपात के बाद लाहौल के कई हिस्सों में हिमस्खलन (Avalanche in Himachal) हुआ हैं। हालांकि अभी तक किसी तरह की जानमाल का नुकसान नही हुआ है। हिमस्खलन गिरने से तिन्दी, उदयपुर और जहालमा के समीप चन्द्रभागा का बहाव रुक गया है। जानकारी के मुताबिक उदयपुर के समीप टाठा नाला, तिन्दी, और दारा फाल से हिमखंड गिरने से नदी का वहाब पूरी तरह रुक गया है। वहीं, घाटी में पिछले 48 घंटों से बिजली गुल है। हिमपात के कारण सभी सपंर्क और मुख्य सड़क मार्ग बंद हैं। उधर, बीआरओ 70 और 94 आरसीसी ने खराब मौसम के बीच सड़कों से बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया है।
ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन होने की संभवाना
डीसी लाहौल स्पीति राहुल कुमार ने बताया कि हिमस्खलन से किसी तरह की जानमाल का नुकसान नही हुआ है। लाहौल स्पीति में ऊंचाई वाले इलाकों में उच्च तीव्रता के एवलांच गिरने की आशंका जताई गई है। लिहाजा लोगों को एक गांव से दूसरे गांव की तरफ सफर न करने की हिदायत जारी की गई है। प्रशासन हालात पर नजर रखे हुए है। एसपी लाहौल स्पीति मयंक चौधरी ने बताया कि गांव जसरथ व जोबरग के बीच में भारी हिमस्खलन हुआ है। जिससे चिनाब नदी का बहाब रुक गया है। जिला पुलिस प्रशासन ने सभी से निवेदन किया है कि जोबरांग, रापे, जसरथ, तड़ंग, थिरोट आदि गांव के ग्रामीण सावधानी बरते। आपातकालीन स्थिति में नजदीकी पुलिस चौकी या थाना में तुरंत सूचना दें।
चिनाब नदी में हिमस्खलन होना नहीं है कोई नई बात: इतिहासकार
लाहौल स्पीति के इतिहासकार मोहन लाल ने बताया चिनाब नदी में हिमस्खलन गिरना नई बात नहीं है। लेकिन घाटी में हो रहे भारी हिमपात से चारों और हिमस्खलन गिरने का क्रम शुरु हो गया है। जिससे लोगों में भी ख़ौफ़ का माहौल है। उन्होंने बताया कि इससे पहले मार्च 1996 में भी चिनाब नदी का पानी रुका था। तब नदी में जमा हुए हिमस्खलन की बर्फ तेजी से पिघल गई थी व बनी झीलों का पानी तिंदी क्षेत्र को बहा ले गया था। जिला आपदा प्रबंधन के आंकड़ों के मुताबिक सर्दी में 31 जनवरी से अभी तक केलंग में साढे छह फीट, सिस्सू में सवा आठ फीट, कोकसर ने साढे नौ फीट, जहालमा में पांच फीट, उदयपुर में साढे छह फीट, तिन्दी में सवा पांच फीट, काजा में पौने चार फीट और समदो में एक फीट हिमपात हो चुका है।