बिलासपुर
4 जून 2003 को हुए चर्चित राम अवतार जग्गी हत्याकांड के आरोपियों की अपील पर सुनवाई पूरी हो गई है। इस मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डबल बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा है।
उल्लेखनीय हैं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता रामावतार जग्गी की रायपुर में 4 जून 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सीबीआई ने पूर्व मुखमंत्री स्व. अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी सहित 31 लोगों को आरोपी बनाया था। विशेष अदालत ने 31 में 2007 को अमित जोगी को बरी कर दिया था। 23 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई। दो आरोपी सरकारी गवाह बन गए थे। अन्य लोगों को 5-5 साल की सजा सुनाई गई। सजा पाने वालों में 3 पुलिस कर्मी भी थे। अभियुक्तों ने हाई कोर्ट में सजा के खिलाफ याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दायर होने के कारण हाई कोर्ट में सुनवाई रुकी हुई थी।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डबल बेंच ने पिछले तीन दिनों तक मामले की लगातार सुनवाई की। इस दौरान राज्य सरकार, सीबीआई तथा आरोपियों के वकीलों ने अपना-अपना पक्ष रखा। सभी पक्षों की बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।