नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से पहले चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों को एडवाइजरी जारी किया है. आयोग ने कहा कि प्रचार के दौरान जाति, धर्म और भाषा के आधार पर वोट न मांगें और भक्त-देवता के रिश्ते का अपमान न करें. इसके अलावा भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले भाषण के साथ साथ गलत और बिना तथ्यों के बयान ना देने का सख्त निर्देश दिया है. आयोग ने मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे या कोई अन्य पूजा स्थल को लेकर किसी तरह के बयान देने से बचने को कहा अन्यथा कार्रवाई हो सकती है.
चुनाव आयोग के पैनल ने कहा कि जिन स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को पहले भी आदर्श आचार संहिता उल्लंधन करने का नोटिस मिल चुका है, दोबारा करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है. आयोग का यह सलाह इस महीने के अंत में लोकसभा और चार राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ आदर्श संहिता लागू होने से कुछ दिन पहले आई है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हाल ही में इस बात पर जोर दिया था कि राजनीतिक दलों को नैतिक और सम्मानजनक राजनीतिक प्रचलन को बढ़ावा देना चाहिए, जो लोगों को बांटने या व्यक्तिगत हमलों के बजाय विचारों को बढ़ावा दें.
आयोग की सलाह नैतिक राजनीतिक को प्रेरित करता है. साथ ही 2024 के आम चुनावों में अव्यवस्था को दूर करने का प्रयास है. आयोग ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन न हो इसके लिए व्यवस्थित दृष्टिकोण के जरिए सभ्य अभियान के लिए जमीन तैयार की है. चुनाव आयोग ने पार्टियों को सार्वजनिक प्रचार में शिष्टाचार बनाए रखने और स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों, खासकर उन लोगों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी डालने की चेतावनी दी, जिन्हें अतीत में नोटिस जारी किए गए थे.
चुनाव आयोग ने पार्टियों को अभियान में मुद्दा-आधारित बहस करने के लिए कहा, साथ ही पार्टियों और उनके नेताओं को तथ्यात्मक आधार के बिना बयान नहीं देने की सलाह दी है. मतदाताओं को गुमराह नहीं करने की भी सलाह दी है. इस एडवाइजरी में सोशल मीडिया गतिविधियों को भी शामिल किया गया है, जिसमें प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने वाले या उनका अपमान करने वाले पोस्ट को शेयर न करने की सलाह दी है.