चंडीगढ़
पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन शुक्रवार को विधानसभा में हंगामा हो गया। विपक्ष ने हरियाणा के सीएम, गृह मंत्री अनिल विज और अंबाला के एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। हंगामा इतना हो गया कि राज्यपाल अपना अभिभाषण भी पूरा नहीं कर सके। उन्होंने बस पहली और आखिरी लाइन पढ़ कर से समाप्त कर दिया। इसके बाद अब सत्र को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
हरियाणा सरकार को ताकीद करने की मांग
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष राजा वड़िंग और प्रताप सिंह बाजवा ने किसान शुभकरण की मौत पर पंजाब सरकार को घेरा। विपक्ष ने जीरो एफआईआर दर्ज करने का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब मांगा। दोनों नेताओं ने राज्यपाल से कहा कि अभिभाषण शुरू होने से पहले पहले दो मिनट का मौन रखा जाए। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि यह बहस का मुद्दा नहीं है। उन्हें अपना अभिभाषण पूरा कर लेने दे। उसके बाद बहस के दौरान आप सभी इसमें भाग ले सकते हैं।
कांग्रेस के नेता अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा,सुखपाल सिंह खेहरा सहित सभी कांग्रेस विधायक किसान शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि देने की बात पर डटे रहे। कांग्रेसी नेता इसी बात पर अड़े रहे कि पहले तो जीरो एफआईआर को रद्द करके उसे सही तरीके से केस दर्ज किया जाए और हरियाणा सरकार को ताकीद किया जाए कि वह बैरिकेड हटाए, उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग भी की।राज्यपाल ने अपना अभिभाषण शुरू कर दिया लेकिन कांग्रेसी विधायक लगातार बल में जाकर नारेबाजी करते रहे। राज्यपाल ने अभिभाषण की कुछ पंक्तियां पढ़कर ही इसे समाप्त कर दिया है और कहा है कि इसे पढ़ा समझा जाए।
अभिभाषण पूरा करने की कोशिश करेंगे: विधानसभा अध्यक्ष
पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होती है। लोकतंत्र की परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए हम लोगों की इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश करेंगे। सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस विधायक दल नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सीएम भगवंत मान पंजाब की सीमा को भी सुरक्षा नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि किसान शुभकरण की मौत पर दर्ज एफआईआर में पुलिस कैसे अज्ञात हो सकती है।भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को अपना इतिहास देखना चाहिए। जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने किसानों के लिए क्या किया।