भोपाल
भाजपा हाईकमान की देर रात तक लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर मीटिंग चली। पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों पर चर्चा हुई। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में भी टिकट बंटवारे पर बात हुई है। गुजरात की ही गांधीनगर सीट से लालकृष्ण आडवाणी चुनाव लड़ते थे और यहीं से एक बार फिर अमित शाह उतरने वाले हैं।
भाजपा सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को लेकर भी चर्चा हुई है। बैठक में चर्चा हुई कि शिवराज सिंह चौहान को भोपाल सीट से मैदान में उतारा जाए। यहां से 2014 से ही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सांसद हैं और इस बार भाजपा उनका पत्ता काटना चाहती है। उनके स्थान पर शिवराज सिंह चौहान को यहां से उतारने का प्लान है।
पार्टी भोपाल से उतारना चाहती है, पर शिवराज की इच्छा कुछ और
हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान खुद इस सीट से उतरने के मूड में नहीं हैं। वह चाहते हैं कि उन्हें विदिशा सीट से ही मौका दिया जाए, जहां के वह रहने वाले हैं। दरअसल शिवराज सिंह चौहान की मध्य प्रदेश में खासी लोकप्रियता है। उन्हें विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद भी सीएम नहीं बनाया गया था। अब उन्हें लेकर चर्चा है कि लोकसभा पहुंचने के बाद उनको केंद्र में मंत्री भी बनाया जा सकता है। शिवराज सिंह चौहान विदिशा सीट से 1991 से 2004 के दौरान 5 बार सांसद चुने जा चुके हैं।
सिंधिया उतरेंगे अपनी परंपरागत सीट से, 10 मार्च तक आएगी बड़ी लिस्ट
मध्य प्रदेश में एक और बड़े नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी चर्चा हुई है। उनको परिवार की परंपरागत सीट गुना-शिवपुरी से ही उतारा जा सकता है। भाजपा में उत्तर भारत के बड़े राज्यों समेत साउथ के राज्यों केरल, तेलंगाना में टिकटों को लेकर काफी हद तक सहमति बन चुकी है। सूत्रों का कहना है कि 10 मार्च तक भाजपा अपने आधे से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम घोषित कर कती है। बता दें कि 2019 में भी भाजपा ने उम्मीदवारों के नाम तय करने में तेजी दिखाई थी। पार्टी की ओर से 21 मार्च तक 164 कैंडिडेट्स के नाम घोषित कर दिए गए थे।