पेटीएम और पेटीएम पेमेंट बैंक के बीच खत्म हुआ समझौता

नई दिल्ली
 PayTm- करीब 1 महीने पहले भारत के बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने पेटीएम के पेमेंट बैंक पर 29 फरवरी के बाद कामकाज करने पर रोक लगा दी थी. इसके बाद पेटीएम पेमेंट बैंक और पेटीएम इंटर कंपनी एग्रीमेंट को अलग करने की कोशिश कर रही है. शुक्रवार को पेटीएम ने घोषणा की है कि वह पेटीएम पेमेंट बैंक और पेटीएम के कामकाज को अलग-अलग करने जा रही है. पेटीएम अब पेटीएम पेमेंट बैंक के जरिए जो ऑफर दे रही थी वह अपने ग्राहकों को उस तरह के ऑफर नहीं देगी.

पेटीएम पेमेंट बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक ने सख्ती बरती है और उसे कामकाज करने से रोक दिया है. PayTm ने इस बारे में शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कहा है कि कंपनी यह सूचित करना चाहती है कि पेटीएम और उसकी सहयोगी पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड अब अलग-अलग कामकाज करने पर विचार कर रहे हैं. दोनों कंपनियां एक दूसरे के कामकाज में शामिल नहीं होंगी.

पेटीएम द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पेटीएम और पेटीएम पेमेंट बैंक इंटर कंपनी एग्रीमेंट्स पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं. इसके साथ ही ग्राहकों को ऑफर की जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं में भी बदलाव किया जा रहा है.

इससे पहले पेटीएम में घोषणा की थी कि वह अन्य बैंकों के साथ नए समझौते करने की कोशिश कर रही है जिससे कि अपने ग्राहकों और मर्चेंट को बेहतर सेवा दे सके. पेटीएम ने कहा है कि पेटीएम और पेटीएम पेमेंट बैंक एक दूसरे पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहे हैं और अपना कामकाज अलग-अलग कर रहे हैं.

करीब 1 महीने पहले 31 जनवरी को भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड को डिपॉजिट एक्सेप्ट करने, क्रेडिट ट्रांजैक्शन या ग्राहकों के खाते में टॉप अप करने से रोक दिया था. पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड के प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, वॉलेट, फास्ट टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड को भी 29 फरवरी के बाद बंद करने का आदेश दिया गया था, बाद में इस समय सीमा को बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया गया था.

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने हाल में ही चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है. पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने अपने निदेशक मंडल का दोबारा गठन किया है, पीपीबीएल के भविष्‍य का कारोबार नया गठित बोर्ड ही देखेगा. पेटीएम पेमेंट्स बैंक जल्द ही एक नए अध्यक्ष की नियुक्ति करने वाला है. विजय शेखर शर्मा के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी है.

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