प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक रंजना का बैज के बयान पर तीखा हमला

रायपुर

भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक रंजना साहू ने प. बंगाल के संदेशखाली में जनजाति समाज की महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म और अनाचार के संबंध में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे गए पत्र को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के बयान पर तीखा हमला बोला है। श्रीमती साहू ने कहा कि कांग्रेसियों को इस बात पर शर्म आनी चाहिए कि प. बंगाल में ममता बनर्जी के साथ गठबंधन में महज दो-चार सीटें पाने के लिए वहाँ पर हो रहे दुष्कर्म और अनाचार की घटनाओं के पक्ष में खड़ी होकर ममता सरकार का बचाव कर रही है।

साहू ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री साय को नसीहतें देने के बजाय कांग्रेस अध्यक्ष बैज जरा अपनी कांग्रेस सरकारों के शासनकाल पर नजर डाल लें, जब राजस्थान में एक नाबालिग के साथ दुराचार करके भठ्ठी में झोंककर जला दिया गया था और छत्तीसगढ़ में तो महिलाओं के साथ अनाचार-अत्याचार की ऐसी-ऐसी वारदातें कांग्रेस शासनकाल में अंजाम दी गईं कि 3 साल की मासूम बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाएँ तक सिहर उठीं थीं। आज मणिपुर समेत भाजपा शासित राज्यों का हवाला देकर मुख्यमंत्री श्री साय को नसीहतों का पाठ पढ़ाने की राजनीतिक अशिष्टता का प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष बैज जरा बताएँ कि कांग्रेस शासनकाल में राजस्थान और छत्तीसगढ़ में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कांग्रेसी चुप क्यों थे?

उन्होंने कहा कि दरअसल कांग्रेस के डीएनए में चाटुकारिता समाई हुई है और कांग्रेस लगातार चाटुकारिता करने में लगी है। छत्तीसगढ़ के संवेदनशील मुख्यमंत्री ने जब जनजाति समाज के साथ प. बंगाल में हो रहे दुष्कर्म पर, महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार पर ममता बनर्जी को पत्र लिखा है तो कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है! श्रीमती साहू ने कहा कि आज ऐसे गंभीर आपराधिक कृत्यों पर कांग्रेस का ऐसा स्टैंड लेना कांग्रेस के महिला विरोधी चरित्र को स्पष्ट करता है। निश्चित रूप से कांग्रेस को ऐसे गंभीर व शर्मनाक आपराधिक कृत्यों के मद्देनजर आम जनता, विशेषकर महिलाओं के साथ कोई मतलब नहीं है। महिलाएँ कांग्रेस के इस राजनीतिक चरित्र को अच्छी तरह समझ चुकी हैं और महिलाएँ कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेंगीं, समय आने पर देश और प्रदेश की मातृ-शक्ति कांग्रेस को उसके इस दोहरे राजनीतिक चरित्र के लिए माकूल जवाब देगी।

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