दवा कंपनी टाकेडा ने डेंगू का टीका बनाने को बायोलॉजिकल ई के साथ समझौता किया
तेलंगाना 2,000 करोड़ रुपये से 'जीनोम वैली' का अगला चरण विकसित करेगा: मुख्यमंत्री रेड्डी।
स्टार्टअप नए भारत की रीढ़, आने वाला समय हमारा है: गोयल
नई दिल्ली
जापान की दवा कंपनी टाकेडा ने डेंगू का टीका बनाने के लिए हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के साथ समझौता किया है।
कंपनी ने बयान में कहा कि यह साझेदारी डेंगू बुखार के वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह साझेदारी 2030 तक डेंगू से शून्य मामले-मृत्यु दर प्राप्त करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित रोग-विशिष्ट लक्ष्य के अनुरूप है।
कंपनी ने कहा कि यह साझेदारी टीके की स्थायी वैश्विक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विनिर्माण क्षमताओं को काफी हद तक बढ़ाएगी।
बयान के अनुसार, बायोलॉजिकल ई अपनी उत्पादन क्षमता को संभावित रूप से सालाना पांच करोड़ खुराक तक पहुंचाएगी। इससे एक दशक के भीतर सालाना 10 करोड़ खुराक बनाने के टेकेडा के प्रयासों में तेजी आएगी।
टाकेडा के वैश्विक टीका कारोबार के अध्यक्ष गैरी डुबिन ने बयान में कहा, "हमें बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के साथ एक रणनीतिक विनिर्माण साझेदारी की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। बायोलॉजिकल ई के पास वैक्सीन निर्माण में गहरी विशेषज्ञता है और दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों का दीर्घकालिक समर्थन है।"
तेलंगाना 2,000 करोड़ रुपये से 'जीनोम वैली' का अगला चरण विकसित करेगा: मुख्यमंत्री रेड्डी
हैदराबाद
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि प्रदेश सरकार यहां 300 एकड़ भूमि में 2,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ जीव विज्ञान अनुसंधान एवं विकास और स्वच्छ विनिर्माण गतिविधियों के लिए देश का पहला संगठित समूह 'जीनोम वैली' का अगला चरण शुरू करेगी।
चिकित्सा और जीवन विज्ञान के वार्षिक कार्यक्रम 'बायोएशिया 2024' में रेड्डी ने कहा कि सरकार राज्य में 10 'फार्मा गांव' विकसित करने की भी योजना बना रही है। इस परियोजना में एक लाख करोड़ रुपये की निवेश क्षमता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं यहां 2,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 300 एकड़ भूमि में जीनोम वैली के अगले चरण की स्थापना की घोषणा कर रहा हूं।"
उन्होंने कहा कि फार्मा गांवों की स्थापना के बाद उनमें पांच लाख नौकरियां पैदा करने की क्षमता होगी।
रेड्डी ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे और निवेश के लिए तेलंगाना के तीनों अलग-अलग क्षेत्रों- विकाराबाद, मेडक और नलगोंडा में नए एकीकृत फार्मा गांवों के लिए समूह भी चिह्नित किया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्विट्जरलैंड के दावोस में हाल ही में आयोजित विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन में 40,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है।
स्टार्टअप नए भारत की रीढ़, आने वाला समय हमारा है: गोयल
नई दिल्ली
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्यमियों से आह्वान किया कि वे 'चूकें नहीं' और अधिक से अधिक अवसरों का लाभ उठाएं क्योंकि भारत 2047 तक 35 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि भारत एक वैश्विक अगुआ के रूप में उभरा है और इसकी कहानी आत्मविश्वास, सुशासन और निरंतर नवाचार की है।
केंद्रीय मंत्री ने आगामी 'स्टार्टअप महाकुंभ' के लिए एक उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, "मेरा मानना है कि स्टार्टअप नए भारत की रीढ़ बनेंगे। आने वाला समय हमारा है।"
उन्होंने कहा, "मुझे आशा है कि हम नहीं चूकेंगे। मुझे आशा है कि सभी स्टार्टअप्स को यह संदेश स्पष्ट रूप से जाएगा कि वे इस अवसर को न चूकें।"
उन्होंने कहा कि आगामी व्यापक कार्यक्रम देशभर में चल रही स्टार्टअप क्रांति को प्रदर्शित करेगा।
गोयल ने विश्वास जताया कि युवा भारतीय 'अमृत काल' में देश की नियति को आकार देंगे।