आरा में मच्छरों का प्रकोप: नयी फॉगिंग मशीन शोभा की वस्तु बनकर रह गईं, नगर निगम बना है उदासीन

आरा। प्रचंड गर्मी में भी शहरी इलाकों में मच्छरों का भारी प्रकोप है। शाम में घर के बाहर या कमरों में खिड़की खोल बैठने पर भी मच्छरों के प्रकोप से लोग परेशान हैं। मच्छर ऐसे लग रहे हैं कि बिना मच्छरदानी के रात काटना मुश्किल हो गया है। भीषण गर्मी के बाद भी मच्छरदानी लगाना मजबूरी बन गई है और मच्छरदानी लगाने पर पंखे की समुचित हवा नहीं लगने से लोगों की नींद पूरी नहीं हो पा रही है। लिहाजा लोग सुबह में देर तक या दोपहर में भी सोकर नींद पूरी कर रहे हैं।
इसके बाद भी आरा नगर निगम की ओर से फॉगिंग की व्यवस्था नहीं की जा रही है। इससे लोगों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। नगर निगम में पांच नयी फॉगिंग मशीन की खरीदारी हुई है, लेकिन यह शोभा की वस्तु साबित हो रही हैं। अधिकारियों के निर्देश पर कभी-कभार फॉगिंग शुरू भी होती है तो सिर्फ वीआईपी इलाके को। वीआईपी इलाकों में फॉगिंग कराकर ही नगर निगम अपनी जिम्मेवारी पूरी कर लेता है। सभी वार्डों की प्रमुख सड़कों व गलियों के अलावा मच्छर पनपने वाले इलाकों में नियमित अंतराल पर फॉगिंग नहीं करायी जाती है। यही वजह है कि प्रचंड गर्मी में भी मच्छरों का प्रकोप बना हुआ है। जानकारों का कहना है कि यदि नियमित अंतराल पर फॉगिंग करायी जाती तो शायद ऐसी स्थिति नहीं होती। कुछ दिन पूर्व फॉगिंग कराने वाली गाड़ी ही खराब पड़ी थी। फॉगिंग के लिए केमिकल के अलावा डीजल मिलाया जाता है। संसाधन उपलब्ध होने के बाद भी फॉगिंग नहीं होने से निगम की कार्यशैली पर लोग सवाल उठा रहे हैं। लोगों की मानें तो इसके लिए जिम्मेवार कर्मी इसकी सही व नियमित मॉनिटरिंग नहीं करते हैं। मदन जी के हाता मोहल्ले के निवासी अधिवक्ता सुनील कुमार कहते हैं कि गर्मी में मच्छरों के प्रकोप के चलते शाम को भी घर के बाहर बैठना मुश्किल हो रहा है। मोहल्ले की सफाई होती है पर फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों के प्रकोप से मुश्किलें बढ़ गयी हैं। अब नये डीएम से उम्मीद है कि वे इस दिशा में शायद पहल करें तो शायद कुछ सुधार हो।

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