डेनमार्क। कोपेनहेगन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने विभिन्न मुद्दों पर लंबी बातचीत की। डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने अपने आवास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी पिछली भारत यात्रा के दौरान उनके द्वारा उपहार में दी गई पेंटिंग भी दिखाई। दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी। बाद में भारत और डेनमार्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन की उपस्थिति में लेटर ऑफ इंटेंट और MoUs का आदान-प्रदान किया। इसके बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा इस यात्रा से दोनों देशों के संबंधों में काफी निकटता आई है। वहीं डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा कि डेनमार्क और भारत अपनी हरित सामरिक साझेदारी को कुछ ठोस परिणामों में बदलने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें
आपके खूबसूरत देश में मेरी ये पहली यात्रा है और अक्टूबर में मुझे आपका स्वागत करने का मौका मिला। इन दोनों यात्राओं से हमारे संबंधों में निकटता आई है।
हमारे दोनों देश लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे मूल्यों को तो साझा करते ही हैं, साथ में हम दोनों की कई पूरक ताकत भी हैं।
आज हमने भारत-ईयू रिश्तों, इंडो-पैसिफिक और यूक्रेन सहित कई क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की। हम आशा करते हैं कि India-EU Free Trade Agreement पर बातचीत यथाशीघ्र संपन्न होगी।
200 से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं जैसे पवन ऊर्जा, शिपिंग, कंसल्टेंसी, इंजीनियरिंग आदि। इन्हें भारत में बढ़ते ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और हमारे व्यापक आर्थिक सुधारों का लाभ मिल रहा है।
भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और ग्रीन इंडस्ट्रीज में डेनिश कम्पनीज और Danish Pension Funds के लिए निवेश के बहुत अवसर हैं।
हमने एक Free, Open, Inclusive और Rules-based इंडो-पसिफ़िक क्षेत्र को सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
हमने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की।