जांच में आया मामला सामने
रायगढ़ फिल कोल बेनिफिकेशन द्वारा पानी के उपयोग के लिए विभाग को अंधेरे में रखकर अनुमति लिया गया है। इसका खुलासा जांच के बाद हुआ। जांच में पता चला कि फिल कोल बेनिफिकेशन ने घरेलू उपयोग के नाम पर बोर खनन की अनुमति ली है और व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है।
पिछले दिनों घरघोड़ा के नावापारा में स्थित फिल कोल बेनिफिकेशन को लेकर कई प्रकार की शिकायतें आने लगी थी। जिला प्रशासन ने देर से ही सही लेकिन इसमें जांच के लिए निर्देश दिया। कलेक्टर ने सहायक कलेक्टर प्रतीक जैन को जांच का निर्देश दिया है। उक्त निर्देश के बाद पीएचई व अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ सहायक कलेक्टर फिल कोल जांच करने के लिए पहुंचे। जांच के दौरान पाया कि पिछले 15 साल से कोल बेनिफिकेशन का संचालन हो रहा है और जब एनओसी की जांच की गई तो पता चला कि एक एनओसी में गड़बड़ी है तो वहीं दूसरी में एनओसी में बोर खनन के लिए दी गई अनुमति घरेलू उपयोग के लिए है जिसका खनन कर कोल वासरी में उपयोग किया जा रहा है। कुलमिलाकर देखा जाए तो भू-जल का दोहन किया जा रहा है। इस मामले में जांच अधिकारी से चर्चा किया गया तो उन्होने बताया कि जांच के निर्देश मिले हैं जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को पेश किया जाएगा।
एसडीएम ने दिया गलत जानकारी
उक्त कोल वासरी का काम 21 एकड़ में चल रहा है जिसमें से 4 एकड़ का ही डायवर्सन कराया गया है पिछले दिनों उक्त शिकायत पर एसडीएम ने उच्च अधिकारियों को गलत जानकारी दे दिया था। हांलाकि अब जांच में यह बात भी सामने आ रही है।
कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
किसानों ने प्रदूषण को लेकर कई बार शिकायत किया, पर्यावरण विभाग के अधिकारी मौके पर गए भी लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। इससे विभाग के कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहा है।