महासमुंद। शहर का बहुप्रतीक्षित महासमुंद-तुमगांव सड़क रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य में अब किसी प्रकार की बाधा या भूमि अवरोध शेष नहीं है। कुछ दिन पूर्व ब्रिज निर्माण में नियमानुसार बाधाएं दूर की जा रही थी। इसके विरूद्ध भू-स्वामी श्रीमती मीना आनंद राम साहू ने न्यायालय में रिट पिटीशन याचिका दायर कर तोड़-फोड़ रोकने का आग्रह किया था। माननीय उच्च न्यायालय ने इसके लिए स्टे आदेश भी जारी किया था। लोक सुविधा को बढ़ाने और प्रशासनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह ढॉचा पहले ही हटाया जा चुका था। आवेदक पक्ष द्वारा प्रशासन पर जबरदस्ती तोड़-फोड़ का आरोप भी लगाया गया था। लेकिन प्रशासन द्वारा सुनवाई में अपना पक्ष रखा। सुनवाई के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने यह स्टे व प्रकरण आज खारिज कर दिया है। अब रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण में कोई बाधा नहीं है।
कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने ब्रिज जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए है। ब्रिज निर्माण में शहर की जनता का पूरा सहयोग मिल रहा है। लोगों को जल्द ही ट्रैफिक से निजात मिलेगी। वर्तमान में ओवर ब्रिज के निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को पिछले हफ्ते ही दूर कर लिया गया है। सेतु निर्माण विभाग द्वारा तीव्र गति से निर्माण कार्य किया जा रहा है।
महासमुंद एसडीएम भागवत जायसवाल ने बताया कि ब्रिज के निर्माण में इन्होंने आपसी सहमति भू-अर्जन में दी है। इस ब्रिज निर्माण में काफी समय लगभग पांच साल हो चुके है। ब्रिज निर्माण में 83 परिवारों के भूमि प्रकरण थे। शुरुआत में सभी ने सहमति दी थी। जैसे-जैसे ब्रिज का निर्माण आगे बढ़ता रहा वैसे-वैसे भूमि रिक्त करायी जाती रही। एसडीएम ने कहा कि अब ब्रिज निर्माण में किसी भी प्रकार की भूमि का अवरोध नहीं है। एसडीएम ने बताया कि इस प्रकरण में सेतु विभाग के द्वारा न्यायालय में एडवोकेट वकार नैय्यर के माध्यम से कैविएट फाइल किया गया था। जिन्होंने न्यायालय में प्रशासन के पक्ष को रखा।
कलेक्टर क्षीरसागर ने रेलवे ओवरब्रिज को मानसून से पहले पूरा करने के निर्देश दिए है। ताकि जिले की जनता ख़ासकर तुमगाँव की ओर से और महासमुंद की ओर से रोज़ आने-जाने वाली जनता को सरल, सुगम मार्ग मिले। वर्तमान में रेलवे फाटक बंद के कारण जाम की स्थित बन जाती है। रेलवे ओवर ब्रिज बन जाने से उन्हें इससे निजात मिलेगी और समय की भी बचत होगी। इसलिए इस निर्माण संबंधी कार्य को जल्द निपटाएं।