सिर्फ बिजली बेचने के लिए सोलर प्लांट नहीं लगा सकते: आयोग

 भोपाल

सोलर एनर्जी या किसी अन्य तरह के एनर्जी प्लांट लगाकर बिजली जनरेट करने वालों को कुल उत्पादित बिजली का 51 प्रतिशत खुद ही उपयोग करना पड़ेगा। आयोग ने इससे संबंधित अधिनियम में संशोधन कर कहा है कि इसका शेष बचा 49 प्रतिशत वह बिजली कम्पनी को बेच सकेगा। इसके पीछे तर्क है कि अगर ऐसा नहीं किया, तो जनरेट होने वाली सोलर एनर्जी खपत ठीक से न हो पाने पर विद्युत स्टोरेज सिस्टम की व्यवस्था को बिगाड़ देगा।

सोलर एनर्जी प्लांट लगाकर बिजली खपत दुरुस्त रखने के लिए प्रोत्साहित कर रही केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों को मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के इस फैसले से झटका लगेगा। अब तक सरकारें यह कहती रही है कि कैप्टिव एनर्जी प्लांट घर पर या ओपन स्पेस में लगाकर लोग न सिर्फ अपने लिए बिजली का पर्याप्त इंतजाम कर सकते हैं बल्कि सरकार के बिजली संकट में भी सहभागी बन सकते हैं। सरकार खुद कैप्टिव जनरेशन से मिलने वाली पूरी बिजली खरीदने की बात कहती रही है लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने अब साफ कर दिया है कि कोई भी व्यक्ति, कम्पनी या समूह सिर्फ बेचने के लिए सोलर प्लांट नहीं लगा सकता है। इस तरह की कैप्टिव पावर प्लांट लगाने वालों को एक साल में सिर्फ 49 प्रतिशत ही बिजली बेचने का अधिकार रहेगा। शेष 51 प्रतिशत बिजली की खपत उन्हें खुद करना होगी।

इधर, प्रदेश में कंज्यूमर को महंगी, बाहर सस्ते में सरप्लस बिजली बेच रही कंपनियां
प्रदेश में उत्पन्न सरप्लस बिजली प्रदेश के बाहर सस्ते रेट पर बेची जा रही है, जबकि प्रदेश के उपभोक्ताओं को उन सस्ते रेट की तुलना में भारी महंगे रेट पर बिजली का सप्लाय किया जा रहा है। यह खुलासा विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश तथा बिजली कम्पनियों के टैरिफ प्रस्ताव से हुआ है।

नियामक आयोग के वर्ष 2023-24 के टैरिफ आदेश में बिजली कम्पनियों ने सरप्लस बिजली बेचने हेतु 470.40 पैसे प्रति यूनिट रेट प्रस्तावित किया था, किंतु आयोग ने 450 पैसे यूनिट रेट अनुमोदित किया। इसी टैरिफ आदेश में प्रदेश के 151 से 300 यूनिट खपत वाले उपभोक्ताओं के लिये 597 पैसे/यूनिट रेट तय किया किया गया जो सरप्लस बिजली बेचने के रेट से 1 रू. 47 पैसे प्रति यूनिट महंगा है। बिजली कम्पनियों द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत टैरिफ प्रस्ताव में सरप्लस बिजली बेचने हेतु 489.90 पैसे / यूनिट रेट रखा है। जबकि उसी टैरिफ प्रस्ताव में उपभोक्ता के लिए 687 पैसे यूनिट के रेट की अनुमति मांगी गई है।

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