सीधे अहमद पटेल वाली जगह या फिर महासचिव? प्रशांत किशोर की एंट्री पर कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को सौंपी रिपोर्ट

नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को बदलने के लिए एक लंबा प्रस्ताव पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिया था। पीके की सिफारिशों पर विस्तार से आकलन करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी बनाई गई थी, जिसने पार्टी आलाकमान को अपनी रिपोर्ट गुरुवार को सौंप दी है। इस कमेटी में वरिष्ठ नेता एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक और अन्य शामिल थे। इन्होंने अगले कुछ दिनों में पीके और सोनिया गांधी के साथ होने वाली अंतिम बैठक से पहले अपनी राय दे दी है।
रिपोर्ट में प्रशांत किशोर को पार्टी जॉइन कराने पर भी बात की गई है। आपको बता दें कि प्रशांत किशोर ने सात साल की पुनरुद्धार योजना पर नौ घंटे की प्रस्तुति बनाई गई थी। बाद में इसे तीन घंटे का कर दिया गया और कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं के सामने प्रस्ताव पेश किया गया। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं की यह रिपोर्ट चार पन्नों की है। वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के ढांचे और रणनीति में बदलाव के सुझावों में से प्रत्येक पर टिप्पणी की है। पार्टी सूत्र ने बताया है कि समिति के सदस्यों ने एक पदाधिकारी के रूप में प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल कराने पर भी अपनी सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कम से कम दो नेताओं, एके एंटनी और दिग्विजय सिंह ने सोनिया गांधी से कहा कि प्रशांत किशोर की सलाह का स्वागत है और इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। हालांकि, पीके के पार्टी पदाधिकारी या वरिष्ठ नेता बनाने से परहेज करने की सलाह दी गई है।
कमलनाथ ने दिया पीके के लिए अलग पद बनाने का प्रस्ताव
एके एंटनी और दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे पर बात की, लेकिन उन्होंने सवालों का जवाब नहीं दिया। वहीं, कुछ वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर के शामिल होने को लेकर काफी सतर्क हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जैसे अन्य लोगों ने पीके को पार्टी में शामिल कराने का समर्थन किया। कमनाथ ने प्रशांत किशोर के लिए महासचिव (रणनीति) का एक नया पद बनाने का प्रस्ताव रखा।
सीधे सोनिया गांधी को रिपोर्ट करना चाहते पीके
वरिष्ठ नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों के दौरान प्रशांत किशोर ने बताया कि वह पार्टी प्रोटोकॉल के साथ काम नहीं कर सकते हैं। वह सीधे कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट करना चाहते हैं। यह कई वरिष्ठ नेताओं के लिए विवाद का विषय साबित हुआ है, जो वर्तमान में गांधी परिवार की आंख और कान हैं। प्रशांत किशोर को सोनिया गांधी के सलाहकार के रूप में शामिल करने का भी एक प्रस्ताव दिया गया है। इस पद पर पहले कभी अहमद पटेल हुआ करते थे।

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