जैकलीन के वकील ने ईडी के हलफनामे का जवाब देने के लिए समय मांगा

मुंबई

कॉन मैन सुकेश चंद्रशेखर के साथ 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। ईडी ने मामले उच्च न्यायालय से कहा कि जैकलीन को सुकेश चंद्रशेखर के अपराध के बारे में पता था और उन्होंने जानबूझकर इन पैसों का अपने पास रखा और इसका इस्तेमाल किया।

दरअसल, कुछ दिनों पहले इस मामले को लेकर जैकलीन की तरफ से एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी। इसके बाद ईडी ने इस याचिका को लेकर एक हलफनामे में यह तर्क दिया था, जिसके बाद जैकलीन के वकील ने ईडी के हलफनामे का जवाब देने के लिए समय मांगा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय ने 15 अप्रैल 2024 की तारीख तय की है। अपने हफलनामे में ईडी ने यह भी कहा कि जैकलीन ने कभी भी सुकेश के साथ वित्तीय लेनदेन के बारे में सच का खुलासा नहीं किया और सबूत मिलने तक तथ्यों को छुपाए रखा। ईडी ने कहा, वे आज तक सच को दबाकर बैठी है। जैकलीन ने सुकेश की गिरफ्तारी के बाद फोन से सारा डाटा मिटा दिया,  जिससे सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुई। उन्होंने अपने सहयोगियों से भी सबूत नष्ट करने के लिए कहा। इससे यह स्पष्ट है कि उन्हें सुकेश के अपराध के बारे में पता था और वे इसका लाभ ले रही थी। इससे जाहिर है कि जैकलीन इस अपराध में शामिल थी। ईडी ने आगे कहा कि शुरूआत में जैकलीन ने यह दिखाने की कोशिश की कि वे सुकेश की साजिश का शिकार हुई।

हालांकि, जांच के दौरान वे इसे साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं दिखा सकीं। वे सुकेश की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में जानती थीं फिर भी अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए अपराध की आय का लाभ लेती रहीं। जैकलीन जानती थीं कि लीना मारिया पॉल उसकी पत्नी है। इसके बावजूद उन्होंने सुकेश से अपना संबंध जारी रखा। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने पहले रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों के पति-पत्नी शिविंदर सिंह और मालविंदर सिंह से 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में सुकेश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद देशभर में उनके खिलाफ कई मामलों में अन्य जांच चल रही हैं। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि सुकेश और उसकी पत्नी लीना मारिया ने अन्य लोगों के साथ मिलकर हवाला मार्गों का इस्तेमाल किया और अपराध से अर्जित धन को ठिकाने लगाने के लिए फर्जी कंपनियां बनाईं। पुलिस ने मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) भी लगाया है। वहीं, जैकलीन की ओर से कहा गया कि वे सुकेश की साजिश की निर्दोष शिकार है। उसकी सहायता करने में उनकी कोई भी भागीदारी नहीं थी। सुकेश और उसके सहयोगियों द्वारा इस अपराध के बारे में भी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। इसलिए उन पर पीएमएलए की धारा 3 और 4 के तहत अपराध के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।

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