नईदिल्ली
Tata Group की कंपनी एयर इंडिया (Air India) पर DGCA ने कार्रवाई करते हुए बड़ा जुर्माना लगाया है. DGCA ने कहा कि कुछ लंबी दूरी के महत्वपूर्ण मार्गों पर फ्लाइट्स में सुरक्षा उल्लंघन का मामला सामने आया है. ऐसे में एयलाइन पर 1.10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
विमानन नियामक ने बताया कि Air India के कुछ बोइंग 777 विमानों को अमेरिका में इमरजेंसी ऑक्सीजन आपूर्ति के बिना संचालन किया गया, जो सुरक्षा नियमों के उल्लघंन के तहत आता है. एयर इंडिया पर जुर्माने का फैसला नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA द्वारा पूर्व सीनियर पायलट की शिकायत करने के बाद आया है.
फ्लाइट से इनकार पर नौकरी से बर्खास्त
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व पायलट ने B777 कमांडर के तौर में काम किया था. उन्होने अपनी शिकायत में कहा था कि एयरलाइन ने आपातकालीन ऑक्सीजन आपूर्ति की आवश्यक प्रणाली के बिना अमेरिका के लिए बोइंग 777 विमानों का संचालन किया. यह शिकायत 29 अक्टूबर को मंत्रालय और डीजीसीए को की गई थी. पायलट ने कहा कि उन्होंने 30 जनवरी 2023 को सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु के लिए Air India की उड़ान के लिए मना कर दिया था, जिसके तीन महीने बाद पायलट को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया.
क्यों फ्लाइट में होते हैं ऑक्सीजन सिलेंडर?
अधिकांश विमानों में ओवरहेड मास्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए सिलेंडर होते हैं, जो केबिन के दबाव कम होने की स्थिति में हर यात्री के लिए 12 से 15 मिनट के लिए तैनात हैं. यह समय विमानों के लिए 10,000 फीट तक उतरने के लिए पर्याप्त है, जिसके बाद यात्री एक सुरक्षित परिवेश में आ जाते हैं.
इन ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) के अलावा पुराने बोइंग 777 में एक अलग से ऑक्सीजन सिलेंडर होता है, लेकिन हाल के अधिकांश एयर इंडिया के B777s लिए अतिरिक्त सिलेंडर नहीं है, जो पश्चिमी-दक्षिण भारत और उत्तरी अमेरिका के बीच उड़ान भरने के लिए ठीक है. क्योंकि इन रूटों पर उड़ानें ज्यादा ऊपर तक नहीं उड़ती हैं.
अतिरिक्त सिलेंडर की क्या जरूरत?
हालांकि ऊंचे पहाड़ों से उड़ान भरने वाले विमान सीमा पार करने के बाद ही 10 हजार फीट तक नीचे उतर सकते हैं. ऐसे में 25-30 मिनट के लिए ओवरहेड यात्री मास्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए विमान पर अतिरिक्त सिलेंडर की आवश्यकता होती है.