2022 के अंत तक नक्सली मुक्त हो जाएगा मुंगेर रेंज! जमीन और आसमान से एक साथ होगी कार्रवाई

मुंगेर। जम्मू कश्मीर से आतंकियों के खात्मे के तर्ज पर मुंगेर रेंज में भी नक्सलियों के खात्मे के लिए केंद्र सरकार के गृह विभाग द्वारा लगातार योजनाएं बनाई जा रही है। मुंगेर रेंज के जमुई जिला स्थित चोरमारा में फरवरी माह में सीआरपीएफ कैंप की स्थापना की गयी। वहीं मुंगेर जिले के पैसरा में सीआरपीएफ के 207 कोबरा बटालियन के कैंप की स्थापना करने के साथ ही फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (हेलीपैड) का निर्माण किया गया है।
इसकी जांच करने के लिए शुक्रवार को वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने सफल लैंडिंग की। पैरामिलिट्री फोर्स और जिला पुलिस संयुक्त रूप से अब जमीनी हमला करने के साथ ही हवाई हमला भी कर सकेगी। गत आठ अप्रैल को सीआरपीएफ के डीआईजी विमल विष्ट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया 2022 के अंत तक मुंगेर रेंज को नक्सल फ्री जोन कर दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक सीआरपीएफ जल्द ही जमीन और आसमान से नक्सलियों के खात्मे को लेकर कार्रवाई प्रारंभ कर सकता है। पैसरा और भीमबांध में फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस का निर्माण किया गया है। ताकि आपातकालीन स्थिति में हेलीकॉप्टर से फोर्स को बुलाया जा सके और हेलीकॉप्टर से नक्सलियों पर हमला भी किया जा सके। इतना ही नहीं बरियारपुर-जमुई मुख्य मार्ग 333 से लगभग 9 किमी कच्ची रास्ता की दूरी तय कर सीआरपीएफ को भीमबांध पहुंचना पड़ता है। अब कच्ची सड़क का कालीकरण किया जा रहा है। ताकि आवश्यकता पड़ने पर कभी भी पैरामिलिट्री फोर्स या जिला बल आसानी से वाहन पर सवार होकर भीमबांध या अंदर के जंगली क्षेत्रों में पहुंच सके।

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