कर्मचारी संगठन ने प्रदेश सरकार को 15 दिन में डीए वृद्धि का फैसला लेने का समय दिया

भोपाल
मध्य प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों का डीए को लेकर इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। विधानसभा के बाद अब लोकसभा चुनाव होने वाले है, लेकिन अबतक राज्य कर्मचारियों के 4 फीसदी डीए और डीआर को लेकर लेकर फैसला नहीं हो पाया है, जिसके चलते कर्मचारी संगठन में नाराजगी बढ़ती ही जा रही है। एक तरफ तृतीय कर्मचारी संगठन ने मोहन सरकार को 15 दिन में डीए वृद्धि पर फैसला लेने को कहा, वरना इसके बाद वे आंदोलन करेंगे। इसी बीच अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कर्मचारियों के समर्थन में उतर आए है और उन्होंने मोहन सरकार से प्रदेश कर्मचारियों को केन्द्र के समान 46% डीए देने की मांग की है।

कर्मचारियों के समर्थन में उतरे कमलनाथ

कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि मध्य प्रदेश सरकार का कर्मचारी विरोधी रवैया एक बार फिर सामने आ रहा है। सरकारी कर्मचारी लंबे समय से केंद्र के बराबर 46% महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं। मैं उनकी मांग का समर्थन करता हूं। विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले भाजपा सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी कि DA बढ़ा दिया जाए। भाजपा सरकार को अच्छी तरह पता था कि आचार संहिता के बीच में निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं कर सकता,  इसलिए भाजपा ने खुद को कर्मचारी हितैषी दिखाने के लिए यह पाखंड किया था।

कर्मचारियों को 46 फीसदी डीए दें सरकार

कमलनाथ ने आगे लिखा है कि अब जब भाजपा की सरकार दोबारा बन गई है तो कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने की फाइल ही आगे नहीं बढ़ रही। इससे पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव के समय जनहित की बातें करती है और चुनाव जीतने के बाद सभी वर्गों को ताक पर रख देती है। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि सरकारी कर्मचारियों के साथ छलावा करने की बजाय वह कर्मचारियों को उनका अधिकार दें और 46% महंगाई भत्ता देना सुनिश्चित करें।

4 फीसदी होना है डीए में वृद्धि

दरअसल, वर्तमान में प्रदेश में 7वें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन पाने कर्मचारियों को 42 फीसदी की दर से डीए मिल रहा है, जबकी केन्द्र और अन्य राज्यों में कर्मचारियों को 46 फीसदी डीए का लाभ मिलना शुरू हो गया है। केन्द्र द्वारा 4 फीसदी डीए बढ़ाए जाने के बाद अब राज्य कर्मचारियों के डीए में भी 4 फीसदी वृद्धि प्रस्तावित है, जिसके बाद राज्य कर्मियों का डीए केन्द्र के समान 46 फीसदी हो जाएगा। इससे कर्मचारियों की सैलरी में 600 रुपए से लेकर 5700 रुपए तक का लाभ होगा।इस बढ़ोत्तरी के चलते राज्य सरकार के ऊपर 1300 करोड़ रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त व्यय आएगा।अगर इसे जुलाई या अक्टूबर 2023 से लागू किया जाता है तो कर्मचारियों को एरियर का लाभ मिलेगा, वरना नहीं।

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