जिनपिंग के ‘चाणक्‍य’ ने पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को चेता दिया, जाने क्या है मामला

इस्‍लामाबाद

पाकिस्‍तान और चीन के बीच करीब 60 अरब डॉलर की चाइना पाकिस्‍तान आर्थिक कॉरिडोर परियोजना यानि सीपीईसी को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि चीन के 'चाणक्‍य' कहे जाने वाले उप विदेश मंत्री सुन वेइडोंग ने सीपीईसी को लेकर पाकिस्‍तान सरकार और वहां के सेना प्रमुख को चेतावनी दी है। पाकिस्‍तान के दौरे पर पहुंचे सुन वेइडोंग ने जनरल असीम मुनीर से लेकर पाकिस्‍तानी राष्‍ट्रपति तक से मुलाकात की। यह वही सुन वेइडोंग हैं जो लंबे समय तक भारत में चीन के राजदूत रह चुके हैं। चीनी नेता का यह पाकिस्‍तानी दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब ईरान के साथ मिसाइल युद्ध के बाद तेहरान और इस्‍लामाबाद का तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था।

चीन ने सुन की यात्रा को लेकर जारी बयान में सीपीईसी और क्षेत्रीय हालात को लेकर पाकिस्‍तान को चेताया। चीन ने अपने बयान में याद दिलाया कि पाकिस्‍तान सीपीईसी को लेकर किए गए अपने वादों को पूरा करे। सीपीईसी को लेकर सहयोग और समन्‍वय को बढ़ाया जाए। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वक्‍त आ गया है कि दोनों देशों के बीच जिन मुद्दों को लेकर सहमति बनी थी उसे पूरा किया। चीन ने कहा कि क्षेत्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय हालात को देखते हुए पाकिस्‍तान चीन का समर्थन करे।

पाकिस्‍तान में चीनी परियोजना को कई झटके

चीन ने जहां अपने बयान में केवल एक बार सीपीईसी का जिक्र किया है, वहीं पाकिस्‍तान ने कई बार सीपीईसी का उल्‍लेख किया और चीन की तारीफ कसीदे गढ़े। पाकिस्‍तान ने भले ही चीन की तारीफ कई बातें कहीं लेकिन ये ड्रैगन को रास नहीं आई। चीन ने इसी वजह से पाकिस्‍तान को सीपीईसी को लेकर चेता दिया। दरअसल, सीपीईसी को शुरू हुए 10 साल हो गए हैं लेकिन यह परियोजना अभी तक ज्‍यादा आगे नहीं बढ़ पाई है। चीन इस परियोजना के जरिए सीधे हिंद महासागर से जुड़ना चाहता है लेकिन पाकिस्‍तान लगातार उसे धोखा दे रहा है।

चीन ने सीपीईसी परियोजना में करीब 60 अरब डॉलर खर्च कर रहा है लेकिन पाकिस्‍तान ने इस परियोजना को ही धीमा कर दिया है। पाकिस्‍तानी विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्‍तान ने अमेरिका के दबाव में चीन के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट को डिरेल कर दिया है। आलम यह है कि चीन ने कई बार चेतावनी दी लेकिन हालात नहीं सुधरे। इसकी वजह से अब उसने अतिरिक्‍त प्रॉजेक्‍ट की फंड‍िंग को ही रोक दिया। पिछले 10 साल में पाकिस्‍तान में 6 प्रधानमंत्री बदल चुके हैं जिसका भी काफी असर सीपीईसी पर पड़ा है।

चीनी इंजीनियरों को बलूचों ने मारा

यही नहीं सीपीईसी के कई प्रॉजेक्‍ट का बलूचों ने खूनी विरोध किया है। बलूच विद्रोहियों ने कई चीनी इंजीनियरों की हत्‍या भी कर दी है। इससे चीनी भड़के हुए हैं और पाकिस्‍तान से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं। पाकिस्‍तानी सेना ने एक डिविजन को ही चीनी इंजीनियरों की सुरक्षा में लगा दी है लेकिन ये हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी वजह से चीन अपने सुरक्षाकर्मी तैनात करने की अनुमति मांग रहा है।

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