गुवाहाटी
असम में चल रही कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान मंगलवार को बवाल मच गया। कांग्रेस के 5000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गुवाहाटी शहर में घुसने से रोका गया तो वे हंगामा करने लगे और बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश भी की। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कांग्रेस के कई नेता घायल हो गए। बिना अनुमति एंट्री की कोशिश करने और अव्यवस्था पैदा करने को लेकर राहुल गांधी समेत कई लोगों पर केस भी दर्ज हुआ है। इसे लेकर सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने डीजीपी से बात की और उन्हें केस फाइल करने का आदेश दिया।
यह पूरा बवाल तब हुआ, जब करीब 5000 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया, जो गुवाहाटी शहर में जाना चाहते थे। इन लोगों को शहर में एंट्री करने से ठीक पहले रोका गया। इन्हें रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। कांग्रेस का कहना है कि पुलिस के लाठीचार्ज में असम के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा, विधानसभा में नेता विपक्ष देबब्रत सैकिया भी जख्मी हुए हैं। पुलिस प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई तब की गई है, जब कांग्रेस के कार्यकर्ता गुवाहाटी शहर में एंट्री से रोकने को लगाए गए बैरिकेड्स हटाने लगे। इससे पहले हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने कांग्रेस की यात्रा को गुवाहाटी के मुख्य मार्ग से निकालने की परमिशन नहीं दी थी। प्रशासन का कहना था कि मंगलवार को गुवाहाटी मं वर्किंग डे होगा और यदि यात्रा को निकलने की परमिशन दी गई तो फिर पूरे शहर में जाम लग जाएगा।
असम सरकार ने कहा था कि कांग्रेस को अपनी यात्रा गुवाहाटी के मुख्य मार्ग लाने की बजाय नेशनल हाईवे की तरफ जाना चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा गया था कि वे नेशनल हाईवे 27 पर जाएं, जो गुवाहाटी के लिए रिंग रोड की तरह है। मार्च में शामिल कांग्रेस के लोगों ने कहा कि प्रशासन ने बेतुका आधार देते हुए गुवाहाटी में एंट्री की परमिशन नहीं दी है। इस तरह मंगलवार को एक बार फिर से यात्रा को लेकर कांग्रेस और भाजपा में ठन गई। इससे पहले सोमवार को भी उस वक्त संघर्ष शुरू हो गया, जब राहुल गांधी को एक मंदिर में एंट्री देने से रोका गया था। इसके बाद राहुल गांधी और जयराम रमेश समेत तमाम नेता सड़क पर ही बैठ गए और रघुपति राघव राजा राम गाने लगे।
कांग्रेस बोली- डर गई है हिमंता बिस्वा की सरकार
कांग्रेस का कहना है कि हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार राहुल गांधी की यात्रा से डर गई है और उसे रोकना चाहती है। कांग्रेस ने कहा, 'असम में हमारी एंट्री के बाद से ही देश के सबसे भ्रष्ट सीएम हमारे काफिले पर लगातार हमले करवा रहे हैं। इसके लिए गुंडों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।' बता दें कि राहुल गांधी वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के मंदिर जाना चाहते थे, जिनकी असम में बहुत मान्यता है। लेकिन हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि राहुल गांधी को अयोध्या में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन से पहले मंदिर नहीं जाना चाहिए।
राहुल गांधी को मंदिर में एंट्री न मिलने पर भी हुआ था विवाद
उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी यदि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले बटाद्रवा मंदिर जाएंगे तो सही संकेत नहीं जाएगा। इससे राम मंदिर और बटाद्रवा मंदिर के बीच प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा। ऐसा होना असम के लिए ठीक नहीं होगा। यही नहीं मंदिर कमेटी ने भी कांग्रेस से साफ किया था कि 3 बजे से पहले एंट्री नहीं दी जाएगी। इसके बाद राहुल गांधी एवं अन्य कांग्रेस नेताओं को रास्ते में ही रोक लिया गया था। फिर सारे नेता सड़क पर ही बैठ गए और भजन करने लगे थे। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि वह शंकरदेव के दर्शन को मानते हैं।