भोपाल.
मोहन सरकार विधानसभा के बजट सत्र में वर्ष 2024-25 के लिए लेखानुदान प्रस्तुत करेगी। इसे केंद्र सरकार के प्रस्तावों को देखकर अंतिम रूप दिया जाएगा। विधानसभा का बजट सत्र सात फरवरी से प्रारंभ होगा, जबकि भारत सरकार द्वारा लेखानुदान एक फरवरी को प्रस्तुत किया जाएगा। वित्त विभाग ने इसके आधार पर ही अपनी तैयारी की है। सभी विभाग प्रमुखों से कहा गया है कि केंद्रीय योजनाओं का भरपूर उपयोग किया जाए। लंबित राशि प्राप्त करने के लिए समय से प्रस्ताव भी भेजे जाएं।
मध्य प्रदेश सरकार बजट सत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। इसमें लाड़ली बहना सहित निर्माण कार्यों के लिए विभागों को अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, वर्ष 2024-25 के प्रथम चार माह के लिए लेखानुदान प्रस्तुत किया जाएगा। यह आगामी बजट का हिस्सा रहेगा। यह भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले लेखानुदान को आधार बनाकर तैयार होगा। केंद्रीय योजनाओं के लिए राज्यांश का प्रविधान प्राथमिकता के आधार पर रखा जाएगा।
दरअसल, लेखानुदान में नए कामों के स्थान पर प्रचलित योजनाओं के लिए अधिक राशि रखेगी। वेतन में तीन प्रतिशत और 56 प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ते के लिए राशि रखी जाएगी। संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में आठ प्रतिशत की वृद्धि देना प्रस्तावित किया है। विभागीय अधिकारियों से कहा गया है कि स्थापना व्यय के प्रविधान पूर्ण आकलन के बाद प्रस्तावित किए जाएं।
इसमें कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। नल जल मिशन, प्रधानमंत्री आवास, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, गेहूं उपार्जन आदि के लिए राशि लेखानुदान में रखी जाएगी। भारत सरकार यदि लेखानुदान में कोई नई योजना घोषित करती है तो उसके लिए भी प्रविधान किए जाएंगे। सिंहस्थ 2028 के लिए भी प्रतीकात्मक रूप से राशि रखी जाएगी।
राज्यपाल के अभिभाषण से प्रारंभ होगा सत्र
मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सात फरवरी को राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से प्रारंभ होगा। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से प्रमुख उपलब्धियों के साथ आगामी कार्यक्रम की जानकारी मांगी है। अभिभाषण पर सरकार द्वारा कृतज्ञता प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा, जिस पर दो दिन चर्चा होगी।