पैसे के बदले सवाल पूछने के मामले में महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ीं, CBI की रडार पर उनका करीबी वकील

नई दिल्ली 
पैसे के बदले सवाल पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासित सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने टीएमसी लीडर के करीबी रहे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई को नोटिस जारी किया है। इसके जरिए जांच के सिलसिले में उन्होंने 25 जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा है। सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी-3 यूनिट की ओर से यह नोटिस भेजा गया और देहाद्राई को 25 तारीख को दोपहर में जांच प्रक्रिया में शामिल होने के लिए कहा गया है।

महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से उपहार लेने और उनके साथ संसद की वेबसाइट की यूजर आईडी और पासवर्ड साझा करने का आरोप है। इसे लेकर पिछले साल 8 दिसंबर को अनैतिक आचरण का उन्हें दोषी ठहराया गया और लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। मालूम हो कि अनंत देहाद्राई ने ही सीबीआई और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा की शिकायत की थी। देहाद्राई ने उन पर संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन से रिश्‍वत लेने के सबूत होने का दावा किया था।

वकील देहाद्राई ने बताया था जान को खतरा
महुआ के कभी करीबी रहे देहाद्राई ने आरोप लगाया था कि वह उन पर पेट डॉग हेनरी के बदले सीबीआई शिकायत वापस लेने का दबाव बना रही हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि मैं रुकूंगा नहीं और सीबीआई को जरूर इसकी जानकारी दूंगा। बाद में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें शिकायत के कारण जीवन को गंभीर खतरा है। निशिकांत ने इस पत्र के आधार पर मामले की शिकायत लोकसभा स्पीकर से की। सभापति ने इसे एथिक्स कमेटी के पास भेज दिया था और इसी आधार पर आगे चलकर उनके खिलाफ ऐक्शन लिया गया।

महुआ मोइत्रा को खाली करना पड़ा सरकार बंगला 
बीते शुक्रवार को महुआ मोइत्रा ने नई दिल्ली में अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया। इससे एक दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने बंगला खाली कराने पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी थी। टीएमसी नेता को पिछले साल 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित किया गया था। उन्हें बंगले का आवंटन रद्द किए जाने के बाद 7 जनवरी तक बंगला खाली करने के लिए कहा गया था। संपदा निदेशालय ने 8 जनवरी को एक नोटिस जारी कर उनसे तीन दिन के भीतर यह जवाब मांगा था कि उन्होंने सरकारी बंगला खाली क्यों नहीं किया है। 12 जनवरी को उन्हें फिर एक नोटिस भेजा गया था।

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