नई दिल्ली
भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराने वाली महिला पहलवानों ने ओवरसाइट कमेटी और इसकी रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। इस कमेटी ने (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की थी। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में बृज भूषण शरण सिंह पर इस केस में चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई हुई। वरिष्ठ वकील रिबीका जॉन ने शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की तरफ से दलीलें दीं।
एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) प्रियंका राजपूत ने इस मामले में सुनवाई की और मामले को अगली सुनवाई के लिए 2 फरवरी, 2024 को सूचीबद्ध किया है। इस दिन बृज भूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के वकील अपनी दलीलें पेश करेंगे। महिला पहलवानों की तरफ से वरिष्ठ वकील ने अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा कि ओवरसाइट कमेटी POSH (Protection of Women from Sexual Harassment) Act के तहत नहीं बनाई गई थी। महिला पहलवानों की तरफ से कहा गया कि इस कमेटी की रिपोर्ट एक वैधानिक रिपोर्ट नहीं है और इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है। पहलवानों की वकील ने यह भी कहा कि आरोपी ने अपराध किया है और आरोपी के खिलाफ चार्ज फ्रेम करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
कोर्ट में महिला पहलवानों की वकील ने कहा कि ओवरसाइट कमेटी आंतरिक शिकायत कमेटी नहीं थी। उसकी कोई फाइंडिंग नहीं है, यह एक रिपोर्ट नहीं है और ना दोषमुक्ति। वरिष्ठ वकील ने एक गवाह के बयान का हवाला देते हुए कहा कि ब्रेथिंग एक्ससाइज सिर्फ महिला पहलवानों के लिए कराया गया था लेकिन पुरुष पहलवानों के लिए नहीं। वरिष्ठ वकील ने कहा, 'वो पैराग्राफ कहां है जिसमें कमेटी ने बृज भूषण शरण सिंह को दोषमुक्त किया है। कोई दोषमुक्ति नहीं है और रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित नहीं है।'
महिला पहलवानों की तरफ से वरिष्ठ वकील ने अपनी दलीलें खत्म करते हुए कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 354A के तहत अपराध किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सह-आरोपी विनोद तोमर की भूमिका उकसाने वाले की रही है। उन्होंने कहा कि तथ्य यह स्पष्ट तौर से कहते हैं कि प्रथम दृष्टया बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ केस बनता है।