नई दिल्ली
बांग्लादेश की नवनिर्वाचित शेख हसीना सरकार ने अपने विदेश मंत्री डॉ. हसन महमूद को फरवरी, 2024 में भारत भेजने का फैसला किया है। डॉ. महमूद 07 फरवरी से अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली आएंगे। बताया जा रहा है कि पिछले आम चुनाव में विजयी होने के बाद पीएम हसीना भारत को अपनी सरकार को लगातार मदद देने के लिए धन्यवाद देने के खास उद्देश्य से विदेश मंत्री नई दिल्ली भेज रही हैं।
भारत के सहयोग वाले प्रोजेक्ट की होगी समीक्षा
वैसे डॉ. महमूद ने दो दिन पहले ही युगांडा की राजधानी कंपाला में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की है। फरवरी में अपने दौरे में वह भारत और बांग्लादेश के बीच नवंबर, 2023 में विदेश मंत्रालय के स्तर पर हुई वार्ता को आगे बढ़ाएंगे। बांग्लादेश के कूटनीतिक सूत्रों ने बताया है कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत के सहयोग से चलने वाली परियोजनाओं की समीक्षा करना, द्विपक्षीय कारोबार को तेज करने के लिए भावी उपायों पर बात करना और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं पर बात करना होगा।
भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय कारोबार में 60 फीसदी बढ़ोतरी
भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय कारोबार पिछले वित्त वर्ष 60 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 14 अरब डॉलर को पार कर गया था। भारतीय उत्पादों के लिए बांग्लादेश दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा बाजार बन गया है। भारत ने वर्ष 2010 के बाद साथ अरब डॉलर का सस्ता कर्ज बांग्लादेश को उपलब्ध कराया है। बांग्लादेश को मदद देने वाला सबसे बड़ा देश भारत बन चुका है। चीन की तरफ से भी बांग्लादेश को भारी-भरकम मदद देने का ऐलान किया गया था, लेकिन वहां की सरकार श्रीलंका के हालात के बाद चीन से आर्थिक मदद पर काफी सोच समझ कर फैसला कर रही है।
रेल मार्गों की नए सिरे से हुई शुरुआत
पीएम मोदी की सरकार ने न सिर्फ पिछले दस वर्षों में बांग्लादेश को ढांचागत सुविधाओं को विकसित करने में खूब मदद किया है, बल्कि हाल ही में जब अमेरिकी प्रशासन बांग्लादेश सरकार पर चुनाव प्रक्रिया को लेकर दबाव बनाने की कोशिश कर रही थी, तब भारत सरकार ने पीएम हसीना को कूटनीतिक तरीके से मदद की। आजादी से पहले भारत और बांग्लादेश के बीच जितने रेल मार्ग थे, उन सभी को हाल के वर्षों में नये सिरे से शुरू किया जा चुका है।
भारत को चट्टोग्राम पोर्ट इस्तेमाल करने की छूट
बांग्लादेश ने पिछले वर्ष चट्टोग्राम पोर्ट के इस्तेमाल की छूट भारत को दी है। भारत चट्टोग्राम पोर्ट और मोंगला पोर्ट को पूरी तरह से अपने पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। पिछले वर्ष इससे जुड़ी रेल परियोजना का शुभारंभ हुआ था। माना जा रहा है कि दोनों देशों की सरकारों के बीच सहयोग का यह अगला महत्वपूर्ण कदम होगा जिसके बारे में बांग्लादेश के विदेश मंत्री की आगामी यात्रा में बातचीत होगी।