नई दिल्ली
जापान के सोनी ग्रुप कार्पोरेशन के भारतीय कारोबार और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के बीच मर्जर डील रद्द हो गई है। सोनी ग्रुप कार्पोरेशन ने इस संबंध में जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज को आधिकारिक तौर पर टर्मिनेशन लेटर भेज दिया है। बता दें कि साल 2021 में इस मर्जर का ऐलान हुआ था। मर्ज कंपनी 10 बिलियन डॉलर की होती लेकिन इस प्रक्रिया में कई पेच फंसे और अब यह डील रद्द हो गई है।
रिपोर्ट में दावा: ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया है कि जापानी एंटरटेनमेंट कंपनी सोनी ने सोमवार की सुबह जी एंटरटेनमेंट को एक टर्मिनेशन लेटर भेजा और उम्मीद है कि जल्द ही स्टॉक एक्सचेंजों को भी इसकी जानकारी दी जाएगी। हालांकि, अब तक आधिकारिक तौर पर दोनों तरफ से कुछ नहीं कहा गया है लेकिन ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसके सूत्रों ने टर्मिनेशन लेटर को देखा है।
कहां फंसा था पेच
रिपोर्ट के मुताबिक सोनी ग्रुप ने टर्मिनेशन लेटर में डील रद्द करने के कारण के बारे में भी बताया है। सोनी के मुताबिक विलय समझौते की शर्तों को पूरा नहीं करने की वजह से यह फैसला लिया गया है। तमाम मीडिया रिपोर्ट बताती है कि इस डील में सबसे बड़ा पेच पुनीत गोयनका के पद संभालने को लेकर था।
सोनी ग्रुप पुनीत गोयनका को मर्जर के बाद वजूद में आने वाली कंपनी का नेतृत्व करने देने के पक्ष में नहीं था। सोनी ग्रुप का कहना था कि पुनीत गोयनका सेबी की जांच का सामना कर रहे हैं और उन पर कई तरह की पाबंदियां लगी हुई हैं। वहीं, जी एंटरटेनमेंट इस बात पर जोर दे रहा था कि साल 2021 के मर्जर समझौते के अनुसार गोयनका नई इकाई का नेतृत्व करेंगे। बाजार नियामक सेबी द्वारा गोयनका को कोष दुरुपयोग मामले में किसी भी कंपनी में प्रबंधकीय पद संभालने से रोक दिए जाने के बाद सोनी ग्रुप ने सवाल उठाए थे।गोयनका को इस मामले में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण से राहत मिल गई है लेकिन दोनों पक्ष किसी सहमति पर नहीं पहुंच पाए हैं।
जी ने क्या कहा: इससे पहले 19 जनवरी को जी एंटरटेनमेंट ने कहा था कि वह विलय समझौते को सफलतापूर्वक पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। बता दें कि विलय की डेडलाइन 21 दिसंबर को खत्म हुई थी। इसकी विस्तारित वार्ता के लिए एक महीने की छूट अवधि 20 जनवरी को समाप्त हो गई।