अमेरिका के ‘म्यूजिक डिप्लोमैसी 2024’ कार्यक्रम की शुरुआत भारत से

सिंगापुर में ब्रिटिश महिला से छेड़छाड़ के आरोप में भारतीय नागरिक को जेल

सिंगापुर
2022 में एक नाइट क्लब में एक ब्रिटिश महिला से छेड़छाड़ के आरोप में एक भारतीय नागरिक को चार साल जेल और छह बेंत की सजा सुनाई गई है। आरोपी स्टूडेंट पास पर सिंगापुर में था।

ईश्वर रेड्डी नाम के छात्र को छेड़छाड़ के आरोप में दोषी ठहराया गया और 20 अगस्त, 2022 को घटना के तुरंत बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।अदालत में बताया गया कि रेड्डी टर्फ क्लब रोड के एक रेस्तरां में पीड़िता के करीब उस समय गया जब वह नशे में थी और अपने दोस्त का इंतजार कर रही थी।

आरोपी का करीब आना पीड़िता को असहज महसूस करा रहा था। उसने उससे किसी भी तरह की बात और मदद लेने से मना कर दिया और अपने दोस्त को मैसेज के जरिए इस घटना के बारे में बताया।उप लोक अभियोजक जॉन लू ने अदालत को बताया कि रेड्डी ने जबरन पीड़िता को कुर्सी से उठाया और रेस्तरां से बाहर ले गया।

लू ने कहा, ''इस दौरान पीड़िता ने आरोपी का विरोध किया, लेकिन वह नहीं माना।''वहीं मैसेज पढ़ने के बाद पीड़िता का दोस्त उसे ढूंढता हुआ रेस्तरां से बाहर आ गया और दूर एक खुले मैदान में दोनों को देखा।

दोस्त ने पुलिस को बुलाया और रेड्डी को गिरफ्तार कराया।

लू ने अदालत से रेड्डी को चार साल की जेल और छह बेंत की सजा देने का आग्रह करते हुए कहा, ''पीड़िता के साथ बातचीत के दौरान, आरोपी ने देखा होगा कि वह नशे में है, अकेली और कमजोर है, यही वजह है कि आरोपी ने उसका फायदा उठाया।''

अमेरिका के 'म्यूजिक डिप्लोमैसी 2024' कार्यक्रम की शुरुआत भारत से

वाशिंगटन
 अमेरिका ने अपने वार्षिक 'म्यूजिक डिप्लोमैसी 2024' की शुरुआत भारत से की और मशहूर जाज़ संगीतकार हर्बी हैनकॉक तथा डायने रीव्स नयी दिल्ली और मुंबई में प्रस्तुतियां दे रहे हैं।

विदेश विभाग ने  एक आधिकारिक घोषणा में कहा कि अमेरिका के दो दिग्गज जाज़ संगीतकार 'ग्लोबल म्यूजिक डिप्लोमैसी इनीशिएटिव' के तहत 14-24 जनवरी तक भारत में हैं।

इसके साथ ही डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर की विरासत की स्मृति में भारत में अमेरिकी मिशन ने हर्बी हैनकॉक, डायने रीव्स और 'हर्बी हैनकॉक इंस्टीट्यूट ऑफ जाज़ परफॉर्मेंस' को नयी दिल्ली तथा मुंबई में शिक्षा कार्यक्रमों में प्रस्तुति देने तथा भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। इसका उद्देश्य अमेरिका और भारत के लोगों के बीच शांति को बढ़ावा देना तथा संबंधों को मजबूत बनाना है।

भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने नयी दिल्ली में यूसीएलए समूह के साथ प्रस्तुति दी। वह कॉन्सर्ट पियानोवादक भी हैं।

मुंबई में हैनकॉक और रीव्स के साथ भारतीय कलाकार सितारवादक पूर्बायन चटर्जी और तबलावादक स्वरूपा अनंत-सावकर भी प्रस्तुति देंगे।

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सितंबर 2023 में 'ग्लोबल म्यूजिक डिप्लोमैसी इनीशिएटिव' की शुरुआत की थी जिसका उद्देश्य संगीत के जरिए शांति और सीमा पार सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना और शिक्षा, आर्थिक अवसर, समानता और सामाजिक समावेशन तक पहुंच बढ़ाने के लिए व्यापक अमेरिकी विदेश नीति के लक्ष्यों में सहयोग देना है।

अमेरिकी संसद ने वेद नंदा की विरासत को सम्मानित किया

वाशिंगटन
भारतीय-अमेरिकी स्तंभकार और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित वेद नंदा की विरासत को सम्मान देते हुए अमेरिकी कांग्रेस ने इस सप्ताह उन्हें एक प्रतिष्ठित शख्सियत और दोनों देशों के बीच एक सेतु बताया।

डेनवर पोस्ट के जाने-माने स्तंभकार और डेनवर विश्वविद्यालय में 50 वर्ष तक पढ़ाने वाले प्रोफेसर नंदा का इस महीने 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उन्हें 2004 में सामुदायिक शांति निर्माण के लिए 'गांधी-किंग-इकेदा' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

सांसद डायना डीगेट ने इस सप्ताह प्रतिनिधि सभा में कहा, ''पांच दशक से अधिक समय तक प्रोफेसर नंदा ने डेनवर विश्वविद्यालय और भारतीय प्रवासी समुदाय के छात्रों का उत्थान किया और वह एक प्रतिष्ठित शख्सियत तथा दोनों देशों के बीच सेतु बने। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर भी काम किया, जिसमें 'हिंदू यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका' के 'चेयरमैन ऑफ बोर्ड' तथा 'अमेरिकन सोसायटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ' के उपाध्यक्ष का पद शामिल है।''

डेनवर पोस्ट के अनुसार, नंदा ने न्याय और शांति के लिए अथक प्रयास किया। भारत के विभाजन पर 2017 में डेनवर पोस्ट के लिए उनके लिखे लेख शायद ही कोई भूल पाएगा।

विभाजन के समय नंदा छोटे बच्चे थे जो अपनी मां के साथ अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे। पंजाब के मुस्लिम बहुल शहर गुजरांवाला (अब पाकिस्तान) में हिंदू परिवार से आने वाले नंदा के मुस्लिम पड़ोसी ने उनके परिवार को भगाने में मदद की। उनके पड़ोसी रातोंरात 'जानवर'' बन गए थे और उन्होंने वहां रह गए हिंदुओं की हत्याएं की थीं।

उन्होंने पोस्ट में लिखा था पूर्वी पंजाब में यही मुसलमानों के साथ हुआ और हिंसक भीड़ ने उन्हें पाकिस्तान की ओर भागने के लिए मजबूर कर दिया था।

डीगेट ने कहा, ''गुजरांवाला में 1934 में जन्मे वेद नंदा ने पंजाब विश्वविद्यालय से शुरुआत कर एक अनुकरणीय करियर बनाया जहां उन्होंने अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री ली। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली, नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय से कानून की एक डिग्री ली और उसके बाद येल विश्वविद्यालय से परास्नातक की डिग्री हासिल की।''

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर नंदा की स्पष्ट और तर्कसंगत व्याख्याओं ने पाठकों को महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान किया।

 

 

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