निष्कासित संसद महुआ मोइत्रा ने दिल्ली का सरकारी आवास किया खाली, DOE को सौंपी चाबियां

नई दिल्ली

टीएमसी की नेता और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने नई दिल्ली में 9बी टेलीग्राफ लेन स्थित सरकारी बंगले को आज सुबह 10 बजे तक पूरी तरह खाली कर दिया। कल उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट से उस समय झटका लगा, जब कोर्ट ने खाली करने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। आज बेदखली की कार्रवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने उस बंगले को खाली कर दिया। महुआ के वकील शादान फरासत ने यह जानकारी दी है।

आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की सरकारी आवास खाली कराने की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। इससे पहले बुधवार को मोइत्रा को नई दिल्ली में सरकार द्वारा आवंटित आवास खाली करने के लिए नया नोटिस मिला था।

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत संपत्ति निदेशालय ने महुआ मोइत्रा को तीन-तीन नोटिस भेजा था। उन्हें अपना आधिकारिक बंगला खाली करने को कहा गया था। यह नोटिस उन्हें लोकसभा से निष्काषित किए जाने के बाद भेजा गया था। शहरी विकास मंत्रालय ने इसी साल 11 जनवरी को महुआ को दूसरा नोटिस दिया था। टीएमसी नेता ने राष्ट्रीय राजधानी में उनके सरकारी आवास रद्द करने वाले संपत्ति निदेशालय द्वारा जारी नोटिस रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

याचिका में कहा गया कि 11 दिसंबर, 2023 को उन्हें एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उन्हें 7 जनवरी 2024 तक घर खाली करने का निर्देश दिया गया था। याचिका में 2024 के आम चुनाव के नतीजों तक उन्हें अपने सरकारी आवास पर कब्जा बरकरार रखने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। याचिका में यह भी कहा गया कि सरकारी आम चुनाव नजदीक हैं। सरकारी आवास की अनुपस्थिति में याचिकाकर्ता की पार्टी के सदस्यों, सांसदों, साथी राजनेताओं व अन्य व्यक्तियों की मेजबानी करने में बाधा उत्पन्न होगी। उन्हें आम चुनाव तक सरकारी आवास की आवश्यकता है।

मांगी थी राहत
चिकित्सा कारणों का हवाला देते हुए निष्कासित लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि उनके निष्कासन के बाद आवंटन रद्द होने पर अधिकारियों को उन्हें सरकारी बंगले से बेदखल करने से रोका जाए। टीएमसी नेता ने अनुरोध किया था कि फिलहाल उन्हें सरकारी आवास से बाहर न निकाला जाए क्योंकि वह अकेली महिला हैं। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। मोइत्रा के वकील ने कहा कि उनकी सर्जरी हुई है। वह एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है।

महुआ मोइत्रा की ओर से आग्रह किया गया कि उन्हें बंगला खाली करने के लिए समय दिया जाए। मोइत्रा ने पीठ से चार महीने की मोहलत मांगी थी। उन्होंने कहा कि मोइत्रा मेंदाता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। वह सरकारी आवास का शुल्क भरने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें आवास से न निकाला जाए। वहीं केन्द्र सरकार के वकील ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि मोइत्रा की तरफ से उनके वकील ने किसी भी तरह की बीमारी या मानवीय स्थिति का हवाला नहीं दिया गया। पीठ ने इस मामले में डीओई और मोइत्रा के वकीलों को विस्तार से सुनने के बाद मोइत्रा की याचिका को खारिज कर दिया।

 

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