नई दिल्ली
चंद्रयान-3 को चांद पर पहुंचे हुए करीब 5 महीनों का समय हो गया है। इसके बाद भी भारत की तरफ से अंतरिक्ष की दूरी तय करना जारी है। इसी बीच अब खबर है कि चांद पर NASA यानी नेशनल एयरोनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के एक यान ने विक्रम लैंडर से संपर्क साधा है। कहा जा रहा है कि अंतरिक्ष शोध के लिहाज से यह काफी अहम साबित हो सकता है।
क्या है मामला
रिपोर्ट्स के अनुसार, NASA का कहना है कि चक्कर लगा रहे अमेरिकी स्पेस एजेंसी के यान ने विक्रम लैंडर की तरफ एक लेजर बीम चलाई गई, जो रिफ्लेक्ट होकर वापस आई। एजेंसी का कहना है कि किसी चीज की ओर लेजर पल्स को भेजा जाता है और यह देखा जाता है कि उसे लौटने में कितना समय लगता है। इस तरीके का इस्तेमाल कर पृथ्वी का चक्कर लगा रही सैटेलाइट्स के स्थान का पता लगाया जाता है।
नासा की तरफ से जारी बयान के अनुसार, 'NASA के LRO (लूनर रिकॉनेसेंस ऑर्बिटर) ने अपना लेजर एल्टीमीटर इंस्ट्रूमेंट विक्रम की तरफ चलाया। जब LRO ने लैंडर के पास लेजर पल्स चलाई, तब चांद दक्षिणी पोल क्षेत्र में मैंजिनस क्रेटर के पास LRO से 62 मील या 100 किमी दूर था।' आगे बताया गया कि जब रिफ्लेक्शन वापस आया, तब NASA के वैज्ञानिक जान गए कि उनकी तकनीक काम कर गई।
चंद्रयान-3 की कहानी
23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था। बाद में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की मदद से ISRO ने चांद की सतह से जानकारी जुटाई।