अयोध्या
अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन नजदीक है। गुरुवार को रामलला गर्भगृह में विराजमान हुए। अब उद्घाटन के दिन भगवान की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराई जाएगी। इससे पूर्व 16 जनवरी से मंदिर में अनुष्ठान चल रहे हैं। पूरा देश रामलला के दर्शन के लिए उत्सुक है और 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। पीएम मोदी खुद सप्ताह भर पहले से कड़ी तपस्या कर रहे हैं। मामले के जानकारों ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम जमीन पर सो रहे हैं और सिर्फ नारियल पानी पी रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से बैठक के दौरान आग्रह किया कि वे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का पर्व दीया जलाकर और गरीबों को खाना खिलाकर मनाएं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल के सहयोगियों से 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न दिवाली की तरह अपने घरों में दीये जलाकर तथा गरीबों को खाना खिला कर मनाने के लिए कहा। सूत्रों ने बताया कि राम मंदिर को लेकर देश में देखे जा रहे भारी उत्साह के बीच उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह टिप्पणी की।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों से 22 जनवरी के बाद अपने-अपने राज्यों के श्रद्धालुओं के साथ मंदिर में जाने और दर्शन करने का आग्रह किया। समारोह से पहले हिन्दुत्ववादी संगठनों द्वारा जनता को जुटाने की कवायद को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के साथ, भाजपा का मानना है कि यह आयोजन मंदिर को लेकर लोगों में उत्साह बढ़ाएगा और अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनावों में उसे इसका लाभ मिल सकता है। लोगों की अयोध्या यात्रा और समारोह के बाद वहां ठहरने की सुविधा के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही देश भर में अपने सदस्यों को जिम्मेदारी दी है।
20-21 जनवरी को तीन मंदिरों का दौरा करेंगे पीएम मोदी
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 और 21 जनवरी को तिरुचिरापल्ली के प्रसिद्ध श्री रंगनाथस्वामी मंदिर सहित तमिलनाडु के अन्य महत्वपूर्ण मंदिरों का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री 20 जनवरी को सुबह लगभग 11 बजे रंगनाथस्वामी मंदिर में एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री इस मंदिर में कम्बा रामायणम के श्लोकों का पाठ करने वाले विभिन्न विद्वानों को भी सुनेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री दोपहर करीब दो बजे रामेश्वरम पहुंचेंगे और श्री अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे।
अगले दिन 21 जनवरी को वह धनुषकोडी के कोठांदरामास्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। पीएमओ ने कहा कि धनुषकोडी के पास प्रधानमंत्री अरिचल मुनाई भी जाएंगे, जिसे वह स्थान कहा जाता है जहां से राम सेतु का निर्माण किया गया था। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री लगातार मंदिरों में जा रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी स्थित वीरभद्र और केरल के गुरुवायूर में विश्वविख्यात भगवान कृष्ण मंदिर में पूजा अर्चना की थी। इससे पहले, उन्होंने नासिक के भी एक मंदिर का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने विभिन्न भाषाओं जैसे मराठी, मलयालम और तेलुगु में रामायण मंत्रोच्चार में भाग लिया। पीएमओ ने कहा कि अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिर में वह एक 'श्री रामायण पर्याण' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस कार्यक्रम में आठ अलग-अलग पारंपरिक मंडली संस्कृत, अवधी, कश्मीरी, गुरुमुखी, असमिया, बांग्ला, मैथिली और गुजराती रामकथा (अयोध्या में श्री राम की वापसी के प्रकरण का वर्णन करते हुए) का पाठ करेंगी।
पीएमओ ने कहा, ''यह भारतीय सांस्कृतिक लोकाचार और जुड़ाव के अनुरूप है, जो 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के मूल में है।'' श्री अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिर में प्रधानमंत्री भजन संध्या में भी भाग लेंगे, जहां शाम को मंदिर परिसर में कई भक्ति गीत गाए जाएंगे।