चंडीगढ़
नगर निगम मेयर के 18 जनवरी को होने वाले चुनाव में सोमवार को उस समय रोचक मोड आ गया जब भाजपा को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने स्थानीय स्तर पर गठबंधन कर लिया। इसके बाद कांग्रेस उम्मीदवार जसवीर बंटी ने मेयर के पद से ना्मांकन वापस ले लिया। जबकि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद कांग्रेस के लिए छोड़े गए हैं।अब गठबंधन की ओर से कुलदीप सिंह मेयर के प्रत्याशी होंगे। इन पदों से आम आदमी पार्टी की नेहा और पूनम ने अपनी नामजदगी के पर्चे वापस ले लिए।
खास, बात यह है कि गठबंधन के बावजूद सभी राजनीतिक दलों को भितरघात और क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है।बता दें कि एक दूसरे के पार्षदों को तोड़कर आप और भाजपा ने पिछले दिनों एक दूसरे पर नेहले पर दहला वाला दांव चला था। इसके तहत पार्षद लखविंदर सिंह बिल्लू को आप से तोड़कर भाजपा में शामिल कराया गया था, जबकि जवाब में आप ने भी भाजपा से गुरचरणजीत सिंह काला को तोड़ लिया। इस घटनाक्रम से सदन में बीजेपी पार्षदों की सख्ंया 14 और आप की 13 हो गई। सिर्फ नगर सांसद की एकमात्र अतिरिक्त वोट से भाजपा का पलड़ा भारी बना हुआ है।इससे, आम आदमी पार्टी को लगा कि वह मेयर चुनाव में अकेले भाजपा को शिकस्त नहीं दे पाएगी। इसलिए कांग्रेस से स्थानीय स्तर पर गठबंधन करने के प्रयास शुरू किए। कांग्रेस ने भी गठबंधन के लिए अपनी वारगेनिंग पावर बढ़ाने के उद्देश्य से तीनों पदों पर नामांकन भरवा दिए थे।
अकाली दल की एक मात्र वोट भी अहम, स्थितियों पर नजर :निगम में शिरोमणि अकाली दल के पार्षद हरदीप सिंह बुटेरला ने कहा कि उन्होंने चंडीगढ़ के उपायुक्त से मेयर चुनाव में मतपत्र में नोटा (कोई उम्मीदवार पसंदीदा नहीं) प्रदान करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि वे मेयर चुनाव में नोटा का उपयोग करेंगे। चुनाव में यदि मतपत्र में नोटा का प्रावधान नहीं हुआ तो वे मौके पर ही दूसरा निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि मेयर के चुनाव के दिन वे निगम सदन में जरूर जायेंगे और मौके के मुताबिक फैसला लेंगे।अभी इस तरह है चुनाव का समीकरण :चंडीगढ़ नगर निगम में निर्वाचित पार्षदों की संख्या 35 है।
आज की ताजा स्थिति के मुताबिक सबसे बड़ी पार्टी के रूप में बीजेपी के पास 14 पार्षद हैं और स्थानीय सांसद के एक वोट के साथ बीजेपी के पास कुल 15 वोट हैं। इसके बाद आम आदमी पार्टी के पास 13, कांग्रेस के पास 7 और शिरोमणि अकाली दल के पास एक पार्षद का वोट है।18 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव के लिए नगर निगम के मनोनीत पार्षद अनिल मसीह को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। नगर निगम के चुनाव पांच साल के लिए होते हैं, जिसमें शहरवासी अपने वार्ड के लिए पार्षद चुनते हैं। इसके बाद हर साल नगर निगम के पार्षद एक साल के लिए शहर में मेयर टीम का चुनाव करते हैं। वर्तमान मेयर का कार्यकाल 17 जनवरी को समाप्त हो रहा है।