भोपाल
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राणप्रतिष्ठा की तैयारियों के बीच मध्यप्रदेश में राम वन गमन पथ को लेकर राज्य सरकार सक्रिय हो गई है। वनवास के समय श्रीराम मध्यप्रदेश में जिन मार्गो से होकर गुजरे थे वहां राज्य सरकार राम वन गमन पथ विकसित करेगी।
इस कार्य योजना से जुड़े सभी विषयों पर विचार कर उन्हें शुरु करने के लिए गठित श्रीराम पथ गमन न्यास की पहली बैठक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोलह जनवरी को चित्रकूट में बुलाई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चित्रकूट में होने वाली इस बैठक में संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्य मंत्री धमेन्द्र लोधी, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित संबंधित विभागों और जिलों के अधिकारी मौजूद रहेंगे। मध्यप्रदेश में श्रीराम वनगमन पथ के लिए चिन्हित 23 स्थानों का चयन केन्द्र सरकार ने किया था। इन मार्गो का विकास किया जाना है। इन स्थनों को जोड़ने वाले मार्ग को सुगम और सुविधाजनक बनाने के साथ ही पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने यात्री सुविधाओं का विकास किया जाना है। इसके लिए न्यास का गठन भाजपा सरकार के कार्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था। अब तक इसकी बैठकें नहीं हो पाई है।
राम वनगमन पथ में ये स्थान होंगे शामिल
सतना, पन्ना, कटनी, जबलपुर, नर्मदापुरम, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जिले के स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, अत्रि आश्रम, शरभंग आश्रम, अश्वमुनिक आश्रम, सुतीक्षण आश्रम, सिद्धा पहाड़, सीता रसोई, रामसेल, रामजानकी मंदिर, बृहस्पति कुंड, अग्निजिन्हा आश्रम, अगस्त्य आश्रम, शिवमंदिर, रामघाट, श्रीराम मंदिर, मार्कंडेय आश्रम, दशरथ घाट, सीता मढ़ी।
बजट मिला लेकिन काम नहीं हुआ
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राम वन गमन पथ के लिए कार्ययोजना बनी और 22 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत हुआ था लेकिन इस पर कोई काम शुरु नहीं हो पाया।