नई दिल्ली
देश में 14-18 वर्ष आयु वर्ग के 86.8 प्रतिशत से अधिक युवा शैक्षणिक संस्थानों में पंजीकृत हैं जिनमें से आधे से अधिक छात्रों ने मानविकी पाठ्यक्रम में दाखिला लिया है।शिक्षा संबंधी वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) में यह जानकारी दी गई।रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि 14-18 वर्ष आयु वर्ग के 25 प्रतिशत छात्र अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में कक्षा-दो के स्तर की पाठ्य सामग्री धाराप्रवाह नहीं पढ़ सकते।
रिपोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में पंजीकरण में कम लैंगिक अंतर का उल्लेख किया है, लेकिन इसने विभिन्न आयु वर्गों के बीच उल्लेखनीय अंतर को चिह्नित किया है।इसमें कहा गया है, ''अधिक आयु के युवाओं के पंजीकरण नहीं कराने की संभावना अधिक है। चौदह वर्ष के 3.9 प्रतिशत छात्रों और 18 वर्ष के 32.6 प्रतिशत छात्रों ने पंजीकरण नहीं कराया।''
पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार, छह से 14 वर्ष की आयु वर्ग के छात्रों के पंजीकरण का स्तर 2010 में 96.6 प्रतिशत, 2014 में 96.7 प्रतिशत और 2018 में 97.2 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 98.4 प्रतिशत हो गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कक्षा 11 एवं 12 के 55 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने मानविकी पाठ्यक्रम में दाखिला लिया और इसके बाद छात्रों ने विज्ञान एवं वाणिज्य संबंधी पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया।
इसमें बताया गया कि छात्रों की तुलना में कम छात्राओं के एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) पाठ्यक्रमों में पंजीकरण कराने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान आजीविका का साधन नहीं होने के कारण छात्रों के स्कूल छोड़ देने का डर निराधार पाया गया।
इसमें बताया गया है कि वर्तमान में केवल 5.6 प्रतिशत युवा व्यावसायिक प्रशिक्षण ले रहे हैं या अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे हैं।