शाजापुर
मध्य प्रदेश के शाजापुर में ड्राइवर से उसकी औकात पूछने वाले जिला कलेक्टर किशोर कन्याल पर आखिरकार गाज गिर ही गई. खुद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस मामले में संज्ञान लिया और उन्हें पद से हटा दिया है. उन्हें पद से हटाने के साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद गरीब के बेटे हैं और इस सरकार गरीबों की है. इस सरकार में सभी का सम्मान होना चाहिए. इसी के साथ उन्होंने राज्य के बाकी अधिकारियों को भी अपनी भाषा पर संयम रखने का निर्देश दिया है.
शाजापुर कलेक्टर पर गिरी गाज
सीएम डॉ यादव ने कहा कि मंगलवार को शाजापुर में ट्रक ड्राइवर और जिला प्रशासन की बैठक में जिस प्रकार की भाषा बोली गई है, एक अधिकारी को ये भाषा बोलना उचित नहीं है। खासकर ये सरकार गरीबों की सरकार है। मोदी जी के नेतृत्व में हम गरीब उत्थान के लिए काम करते हैं। कोई कितना भी बड़ा अधिकारी हो, हर अधिकारी को सबके काम का सम्मान करना चाहिए और भाव का भी सम्मान करना चाहिए।, मनुष्यता के नाते ये भाषा हमारी सरकार में बर्दाश्त नहीं है।
सीएम ने कहा ‘मुझे पीड़ा हुई’
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं खुद मैं मजदूर परिवार का बेटा हूं और इस तरह की बात कतई स्वीकार्य नहीं है। उन्होने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि आगे अधिकारी इस बात का ध्यान रखेंगे और अगर कोई इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करता है तो उस अधिकारी को मैदान में रहने का अधिकार नहीं है। उन्होने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि अब जो अधिकारी आएंगे वो भाषा का और व्यवहार का ध्यान रखेंगे। सीएम यादव ने कहा कि उन्हें इस बात की बहुत पीड़ा हुई है और वो इसे कभी क्षमा नहीं करेंगे।
जाने क्या है मामला
हिट एंड रन कानून का मध्यप्रदेश समेत देशभर में ट्रक डाइवर विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को एमपी के शाजापुर जिले के कलेक्टर किशोर कन्याल ने हड़ताल खत्म करने के लिए ट्रक ड्राइवरों के साथ बैठक की। बैठक में एक ड्राइवर और कलेक्टर के बीच नोकझोंक हो गई। ड्राइवर के जवाब दिया जाना कलेक्टर साहब को पसंद नहीं आया। क्रोधित कलेक्टर ने ड्राइवर को उसकी औकात बता दी हालांकि ड्राइवर ने भी कलेक्टर को ऐसा जवाब दिया की मीटिंग हाल में थोड़ी देर के लिए सन्नाटा पसर गया।
दरअसल, हिट एंड रन कानून के विरोध में ड्राइवर हड़ताल कर रहे थे। कलेक्टर किशोर कन्याल ने सभी ड्राइवर को मीटिंग रूम में बुलाया और समझाइए दे रहे थे। इसी दौरान एक ड्राइवर ने अपनी बात रखनी चाहिए। इसी बात पर कलेक्टर साहब भड़क गए। कलेक्टर की समझाइश के बीच एक ड्राइवर बोल पड़ा, अच्छे से बोलो। इतने में कलेक्टर भड़क उठे और कहा गलत क्या है इसमें? समझ क्या रहा है, क्या करोगे तुम, तुम्हारी औकात क्या है?
ड्राइवर ने भी दिया जवाब
ड्राइवर भी हाजिर जवाब निकला। ड्राइवर ने कहा कि यही तो लड़ाई है कि हमारी कोई औकात नहीं। कलेक्टर ने कहा, लड़ाई ऐसे नहीं होती है, कृपया करके कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं लें। आपकी सारी बातों को सुनने के लिए यहां बुलाया है। बता दें कि शाजापुर में ड्राइवर एसोसिएशन ने उग्र आंदोलन किया प्रदर्शन करते हुए हाइवे पर चक्काजाम कर दिया था।
इसी मामले में मंगलवार को कलेक्टर किशोर कन्याल ने ड्राइवरों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने कहा कि कोई कानून को अपने हाथ में नहीं लेगा, कलेक्टर की समझाइश के बीच एक ड्राइवर बोल पड़ा, अच्छे से बोलो इतने में कलेक्टर आग बबूला हो उठे और कहा, गलत क्या है इसमें? इस वीडियो के इंटरनेट में वायरल होते ही कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर हमलावर हो गई। कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार का अहंकार देखिये, मुख्यमंत्री जी गरीब को औकात बताकर ललकारने का दुस्साहस मत करो।