एनजीटी में जल्द पेश की जाएगी ग्रीन बेल्ट के कब्जों की रिपोर्ट

भोपाल

राजधानी में सड़कों के बीच व साइड वर्ज के ग्रीन बेल्ट को लेकर नया तथ्य सामने आया था कि हरित क्षेत्र नगर निगम के नहीं बल्कि पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में हैं। ऐसे में कुछ दिनों पहले एनजीटी की सेंट्रल बेंच ने विभाग को प्रकरण में पार्टी बनाने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने एक्शन लेने के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसे जनवरी के पहले सप्ताह में अतिक्रमण हटाने संबंधी रिपोर्ट देनी है। इस रिपोर्ट को लेकर कमेटी द्वारा किए गए कामों को लेकर अंतिम रिपोर्ट तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह रिपोर्ट एनजीटी में पेश की जाएगी।

ये अफसर कर रहे हैं लगातार कार्यवाही
 कलेक्टर आशीष सिंह ने ग्रीन बेल्ट में अतिक्रमणों के खिलाफ कार्यवाही  के लिए छह सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसमें एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, नगर निगम के अपर आयुक्त गार्डन, अपर आयुक्त अतिक्रमण, अधीक्षण यंत्री गार्डन, पीडब्ल्यूडी के संबंधित कार्यपालन यंत्री और फरिस्ट रेज अधिकारियों को शामिल किया गया था। करीब एक महीने से इस कमेटी के नेतृत्व में लगातार कार्यवाही जारी है। शहर के पांच दर्जन से अधिक स्थानों पर ग्रीन बेल्ट में सालों से जमा कब्जों को हटाया गया है। इतना ही नहीं कई जगह अस्थायी तौर पर रखी गुमठियों, दुकानों और ठेलों को भी हटाया गया है।  कमेटी जांच रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसे एनजीटी में पेश किया जाएगा।

नदी का एरिया नापने में मिलीभगत
कलियासोत नदी के एरिया नापने में कई स्थानों पर मिलीभगत सामने आ रही है। जहां लाल निशान लगाए गए हैं वहां स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि नदी वहां से 100 फुट नहीं 150 फुट दूर है लेकिन प्राइवेट बिल्डर्स और संस्थानों को फायदा पहुंचाने के लिए दूसरी रहवासी कालोनियों में निशान लगाए गए हैं। ताकि कुछ रसूखदारों की बिल्डिंगे बचाई जा सके। जेके हॉस्पिटल के पीछे पुल से लगी कॉलोनियों में ऐसा ही किया गया है। जिससे रहवासियों में बेवजह दहशत है। इन कॉलोनीवासियों ने रहवासियों के सामने ही नपती की मांग की है। सवाल तो यह है कि प्रशासन ने ही जमीन दी, नगर निगम ने बिल्डिंग परमिशन दी और अब नगर निगम ही अवैध बताकर नोटिस दे रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *