टक्कर मारकर भागे तो 10 साल की जेल, 7 लाख का जुर्माना भी… सजा और जुर्माना जानकर चालकों ने कहा- गाड़ी चलाना नामुकिन

भोपाल /नई दिल्ली

केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस चालक सड़कों पर उतर आए हैं. सब्जी, पेट्रोल-डीजल जैसी बुनियादी चीजों की सप्लाई करने वाली ट्रांसपोर्ट सेवाएं भी ठप पड़ गई हैं. देश के अलग-अलग शहरों में लोग परेशान हो रहे हैं.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले घंटों तक बस स्टॉप पर बसों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन नहीं मिल रहा है. पेट्रोल-डीजल की सप्लाई भी बाधित होने के कारण कई पेट्रोल पंपों में ईंधन खत्म होने की बात सामने आ रही है, जिसके बाद पेट्रोल पंप और गैस स्टेशन पर ईंधन भरवाने वाले वाहनों की कतारें लग रही हैं.

दरअसल केंद्र सरकार ने हिट एंड रन को लेकर नए कानून बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी. इसके अलावा 7 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा. पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था. हालांकि, इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था. लेकिन नया कानून लागू होने के बाद दोषी को अब दस साल जेल में रहना होगा. ट्रक और डंपर चालक इस कानून का ही विरोध कर रहे हैं.

महाराष्ट्र में हिंसक हुआ विरोध-प्रदर्शन

महाराष्ट्र में कुछ जगहों पर आंदोलन हिंसक हो गया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने गुजरने वाले वाहनों पर पथराव किया और पुलिस के साथ झड़प की. नवी मुंबई के नेरुल में सुबह ट्रक चालकों के एक समूह ने एक पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया, जिससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. इसके बाद पुलिस को मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग पर जमा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा.

ट्रक चालकों ने ठाणे जिले के मीरा भयंदर इलाके में मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर यातायात अवरुद्ध करने की कोशिश की और पुलिस कर्मियों पर पथराव किया, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. पथराव में पुलिस का एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया. वहीं, सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर और गोंदिया जिलों में भी सड़क नाकाबंदी विरोध प्रदर्शन किया गया. इस बीच उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले में टैंकर चालकों ने सोमवार को काम बंद कर दिया और ईंधन डिपो वाले पैनेवाडी गांव में 1 हजार से ज्यादा वाहन खड़े कर दिए.

नंदगांव तालुका के पनेवाड़ी गांव में भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल के ईंधन डिपो और एलपीजी फिलिंग स्टेशन हैं, और इन डिपो से ईंधन राज्य के कई हिस्सों में पहुंचाया जाता है. मराठवाड़ा क्षेत्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर में पेट्रोल पंप डीलरों के एक संघ ने कहा कि अगर स्थिति सामान्य नहीं हुई तो जिले में ईंधन पंप बंद हो सकते हैं.

मध्य प्रदेश: पेट्रोल पंप तक नहीं पहुंचा ईंधन

मध्य प्रदेश के इंदौर में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का असर पेट्रोल पंप पर भी पड़ा. यहां पेट्रोल पंप पर गाड़ियों की लंबी लंबी लाइनें लग गईं. ट्रक ड्राइवरों की ये हड़ताल तीन दिन तक चल सकती है. जिसकी वजह से ईंधन पेट्रोल पंप तक नहीं पहुंच पाएगा. वहीं, देवास जिले में बस और ट्रक ड्राइवर्स का गुस्सा दिखाई दिया. उन्होंने शहर में 2-3 जगहों पर रास्ते बंद करने के प्रयास किए. पन्ना जिले में बस और ट्रक ड्राइवरों ने नेशनल हाईवे-39 पर चक्काजाम किया. उन्होंने 'काला कानून वापस लो' के नारे भी लगाए.

राजस्थान: कलेक्ट्रेट पहुंचे ट्रक ड्राइवर

हिट एंड रन कानून के खिलाफ राजस्थान में भी प्रदर्शन देखने को मिला. हनुमानगढ़ जिले में भी ट्रक और बस ड्राइवर सड़कों पर उतर आए. उन्होंने हाईवे जामकर इस कानून का विरोध जताया. इसके बाद ड्राइवर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने सरकार और प्रशासन को कड़ी चेतावनी भी दी.

दिल्ली: हड़ताल को लेकर एकराय नहीं संगठन

हालांकि हड़ताल में अब तक बड़े ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन शामिल नहीं हुए हैं. इस मुद्दे को लेकर 1:30 बजे देश के अलग-अलग हिस्सों से ट्रांसपोर्ट संगठन के लोग ऑनलाइन बैठक करेंगे. इसके बाद दिल्ली चेम्सफोर्ड क्लब में 3:30 बजे प्रेस कांफ्रेंस करके फैसले की जानकारी दी जाएगी. फिलहाल हड़ताल को लेकर के सभी संगठनों में एकराय नहीं है. ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट संगठन ने फिलहाल हड़ताल से किनारा किया है. हालांकि, यह संगठन भी बैठक में शामिल होगा.

क्यों अभी हड़ताल नहीं चाहता ये संगठन?

ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने औपचारिक चिट्ठी जारी कर परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों से अपील की है कि वे धैर्य से काम लें. चिट्ठी में उन्होंने ट्रांसपोर्टर्स से कहा है कि देश में दो महान पर्व होने वाले हैं, जिसमें गणतंत्र दिवस और राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा शामिल है.

बातचीत से नहीं निकल सका हल तो…

चिट्ठी में आगे कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस और राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, दोनों ही पर्व पर दुनिया भर के सभी देशों और उनके नागरिकों की पैनी नजर बनी हुई है. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि कुछ ताकतें चाहती हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की बदनामी हो जाए. अगर शीर्ष नेतृत्व को जनवरी महीने में बातचीत से कोई सफलता नहीं मिलती है तो एक बार सभी लोग मिलकर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे, जिससे हमारा व्यापार और किसी भी प्रकार के नुकसान से बचा जा सके.

सजा होने पर परिवार कैसे चलेगा
सहारनपुर के देवबंद में भी गंगोह रुड़की रूट की सभी प्राइवेट बसों का संचालन बंद रहा। चालकों का कहना है कि इस कानून के चलते बसों को चलाना नामुमकिन है। हादसा होने पर ड्राइवरों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। उनका कहना है कि वह गरीब हैं। ज्यादा सजा होने पर वह अपना परिवार नहीं चला सकते हैं। सहारनपुर के गंगोह रुड़की रोड पर हड़ताल के चलते बसों का चक्का जाम रहा। यात्री परेशान रहे।

जबरन रोका बसों का संचालन
मुजफ्फरनगर में भी रोडवेज और निजी वाहनों के ड्राइवर हड़ताल पर रहे। पुरकाजी में बस संचालन जबरन रोक दिया गया। रोडवेज डिपो की अधिकांश बसें खड़ी रहीं। सोमवार सुबह से ही बस अड्डे पहुंचे यात्रियों को परेशानी हुई। रोडवेज अधिकारियों ने ड्राइवर को समझाया लेकिन वह नहीं माने। दिल्ली-दून हाइवे पर खतौली में ट्रकों की लाइन लग गई। रोडवेज स्टैंड पर अनुबंधित बसें भी खड़ी कर दी गईं। ड्राइवरों ने सरकार से पुराने कानून को बनाए रखने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। चीनी मिलों में गन्ना ढुलाई में लगे ट्रक भी विरोध में शामिल रहे। जिसके चलते खरीद केंद्रों से गन्ना नहीं उठा।

डिपो से निकल चुकी बसों को रास्ते में रोका
ऑल इंडिया ट्रक ड्राइवर संगठन ने एक जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया था, जिसका असर बिजनौर में भी दिखा। सोमवार सुबह ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए। ड्राइवरों ने रोडवेज बस स्टैंड पर जाकर बसों का भी चक्का जाम कर दिया। किसी भी बस को डिपो के बाहर नहीं निकलने दिया। बताया गया है कि सवेरे जो बसें डिपो से निकलकर मार्ग पर चली गई थी उन्हें भी रास्ते में रोक दिया गया। मुरादाबाद मंडल में भी रोडवेज कर्मियों ने प्रदर्शन किया और बसों का संचालन ठप रखा। एटा जिले में रोडवेजकर्मियों ने हड़ताल रखी और मुख्य चौराहे को जाम कर दिया, जिससे वाहनों की कतार लग गई।

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