भोपाल
एमपी में विधानसभा चुनाव जीतकर आए विधायकों और मंत्रियों के अब भोपाल शहर में रहेने के लिए बंगलों को लेकर होड़ सी मची है। नए विधायकों और मंत्रियों को बंगले मिले इसके लिए पूर्व विधायकों से बंगले खाली कराए गए। जहां एक तरफ मंत्री विधायक अपनी पसंद का बंगला चाहते है। वहीं, प्रदेश के डेप्युटी सीएम राजेंद्र शुक्ला को सरकारी बंगले की कोई फ्रिक नहीं है। वह अपने पुराने निजी घर में ही रहने का फैसला किया है। हालांकि वे अपना काम सरकारी बंगले से करेंगे।
दरअसल, प्रदेश में नई सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हो जाने के बाद से कई मंत्री और विधायक भोपाल में रहकर काम करते है। जिसके लिए सरकारी बंगले आवंटित किए जाते है। लेकिन पूर्व के मंत्रियों और एमएलए ने अभी तक बंगले नहीं खाली किए है जिसके चलते नए चुने गए ज्यादातर मंत्रियों और विधायकों को बंगले नहीं मिल पाए है। जहां गृह विभाग नेताओं को बंगले दिलाने में लगा है वहीं डेप्युटी सीएम अपने बावडियाकलां स्थित अपने बंगले में ही रहेंगे।
पड़ोसियों से वहीं रहने का किया वादा
एमपी के डेप्युटी सीएम राजेंद्र शुक्ला बावड़ियाकलां स्थित स्काई विला में रहते है। राजेंद्र शुक्ला ने यही रहने का फैसला किया है। इसकी वजह है कि यहां रहते हुए उन्हें पिछली सरकार में भी मंत्री बनने का मौका मिला वहीं नई सरकार में डेप्युटी सीएम बने। इसके साथ ही उन्होंने अपने पड़ोसियों से वादा किया था कि वह अपने बंगले में ही रहेंगे। वह अपने घर को नहीं छोड़ेंगे।
तो क्या होगा सरकारी बंगले का?
भले ही डेप्युटी सीएम अपने ही बंगले में रहें लेकिन उनको सरकारी बंगला मिलेगा। खबरे है कि उनके इस बंगले से उनका ऑफिस चलेगा। साथ ही बंगले में उनका पूरा स्टॉफ रहेगा। डेप्युटी सीएम यहीं से अपना पूरा कामकाज देखेंगे।.
बात करें विधायकों को मिलने वाले सरकारी बंगलों की तो विधानसभा सचिवालय ने चुनाव नहीं लड़ने वाले, चुनाव में हारने वाले नेताओं को बंगला खाली करने का आदेश दिया है। इनमें 37 ऐसे विधायक है जिन्होंने चुनाव नहीं लड़ा है। वहीं कई विधायक ऐसे है जो अपना चुनाव हार गए है। इनमें पिछली सरकार के 12 मंत्री भी शामिल है जो चुनाव हार गए है।