हिंडनबर्ग विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह को बड़ी राहत दी

नई दिल्ली
हिंडनबर्ग विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) नियमों में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी के मामले में कोर्ट के पास सीमित अधिकार हैं। कोर्ट ने सेबी की जांच में हस्तक्षेप करने से भी इनकार कर दिया और एसआईटी गठित करने से भी मना कर दिया। अदालत द्वारा नियुक्त पैनल द्वारा की गई सिफारिशों पर सरकार और सेबी को अमल करने की भी सलाह दी गई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से 3 महीने में जांच पूरी करने को कहा है। कोर्ट ने ये भी कहा कि इस मामले को सीबीआई (CBI) को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है।

अदालत ने आगे कहा कि सरकार और सेबी, हिंडनबर्ग द्वारा शॉर्ट-सेलिंग पर कानून के उल्लंघन की जांच करेंगे और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने कहा- सेबी ने 22 में से 20 मामलों में जांच पूरी कर ली है। हम सेबी को अन्य दो मामलों में 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश देते हैं। अदालत ने संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) रिपोर्ट पर कहा कि बिना किसी सत्यापन के तीसरे पक्ष संगठन की रिपोर्ट पर निर्भरता को सबूत के रूप में भरोसा नहीं किया जा सकता है।

गौतम अडानी ने कहा- सत्य की जीत
गौतम अडानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। अडानी ने कहा- माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की विकास गाथा में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिंद।

अडानी के शेयरों में तेजी
इधर, अडानी ग्रुप के शेयरों में आज बंपर तेजी देखी जा रही है। ग्रुप के सभी शेयर हरे निशान पर कारोबार कर रहे हैं। शुरुआती कारोबार में बीएसई पर अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर 9.82 फीसदी चढ़कर 1,165 रुपये पर पहुंच गए थे। अडानी टोटल गैस के शेयर 8.33 प्रतिशत बढ़कर 1,083.95 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 7% चढ़कर 3138.15 4.15 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। वहीं, अडानी पावर के शेयरों में 5 प्रतिशत का अपर सर्किट लग गया और यह 544.65 रुपये पर पहुंच गया। अडानी ग्रीन एनर्जी 4.72 प्रतिशत बढ़कर 1,678.25 रुपये पर, अडानी पोर्ट्स 1.8 प्रतिशत बढ़कर 1,098 रुपये पर पहुंच गए थे। अडानी विल्मर के शेयरों में 6.89 प्रतिशत की तेजी देखी गई और यह बढ़कर 391.75 रुपये पर पहुंच गया। समूह के अन्य शेयरों में एनडीटीवी के शेयर 8.08 फीसदी चढ़कर 293.60 रुपये पर, अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 1.52 प्रतिशत बढ़कर 538.65 रुपये पर और एसीसी के शेयर 1.1 फीसदी बढ़कर 2,290.80 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे।

जांच पर संदेह का आधार नहीं
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 नवंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि शेयर बाजार नियामक सेबी को बदनाम करने का उसके पास कोई कारण नहीं है, जिसने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच की थी। सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि बाजार नियामक ने जो किया है, उस पर संदेह के लिए उसके सामने कोई ठोस आधार नहीं है।

क्या है पूरा मामला?
साल 2023 के जनवरी महीने में अमेरिका के शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने गौतम अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाए थे कि शेल कंपनियों के जरिए अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में हेरफेर किए गए। हिंडनबर्ग के मुताबिक समूह के शेयर 85 फीसदी तक ओवरवैल्युड थे। समूह के कर्ज, मैनेजमेंट समेत कई अन्य मुद्दों पर सवाल खड़े किए थे। हालांकि समूह ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया लेकिन उसकी कंपनियों के शेयरों के भाव में भारी गिरावट आ गई थी। वहीं, गौतम अडानी की निजी दौलत में भी बड़ी गिरावट आई। इसका असर शेयर बाजार पर पड़ा और निवेशकों को भारी नुकसान हो गया। इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद सेबी को जांच के आदेश दिए। इसके अलावा शीर्ष अदालत की तरफ से गठित विशेषज्ञ समिति गठित की गई। इस समिति ने मई में एक अंतरिम रिपोर्ट में कहा था कि उसने उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों में हेराफेरी का कोई स्पष्ट सबूत नहीं देखा और इसमें किसी भी तरह की नियामकीय नाकामी नहीं हुई थी।

 

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