किआ इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी होंगे ग्वांगगु ली
नयी दिल्ली
किआ इंडिया ने ग्वांगगु ली को तत्काल प्रभाव से नया प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है।
वाहन निर्माता कंपनी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ताए जिन पार्क के सेवानिवृत्त होने के बाद यह फैसला किया गया।
पार्क किआ कॉर्पोरेशन के साथ 36 साल से जुड़े थे, जिसमें से चार साल उन्होंने किआ इंडिया के लिए सेवाएं दी।
ली ने विकसित और विकासशील दोनों देशों में कई पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। वह अमेरिका, कनाडा, इटली, मैक्सिको, मध्य तथा दक्षिण अमेरिका में किआ के मुख्यालय और जर्मनी में किआ के यूरोप मुख्यालय में भी पदस्थ रहे।
अपनी नियुक्ति पर ली ने कहा कि किआ इंडिया निश्चित रूप से टिकाऊ व्यापार वृद्धि के लिए सही रास्ते पर है। उनका लक्ष्य किआ ब्रांड को वृद्धि के अगले चरण में ले जाना है।
किआ वर्तमान में भारतीय बाजार में सेल्टोस, सोनेट और कैरेंस सहित पांच मॉडल बेचती है।
वित्त वर्ष 2024 में देश में इलेक्ट्रॉनिक सामान का उत्पादन होगा 115 अरब डॉलर, मोबाइल फोन का 50 अरब डॉलर
नई दिल्ली
देश में वित्त वर्ष 2023-24 में इलेक्ट्रॉनिक सामानों का कुल उत्पादन 115 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। इसमें सबसे ज्यादा योगदान मोबाइल फोन (50 अरब डॉलर से अधिक) का होगा। सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) रविवार को यह अनुमान जारी किया। वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में अप्रैल से दिसंबर तक देश ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 100 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है। इसमें मोबाइल फोन विनिर्माण का 44 अरब डॉलर का बड़ा योगदान है।
गहन विनिर्माण और स्थानीयकरण पर मजबूत फोकस के साथ मोबाइल फोन उद्योग पीसीबीए, चार्जर, बैटरी पैक, केबल आदि में लगभग आत्मनिर्भरता की स्थिति हासिल करने में सक्षम रहा है। देश अन्य वैल्यू चेन वस्तुओं के स्थानीयकरण की ओर भी बढ़ रहा है और मैकेनिक्स, डाई कट पार्ट्स, कैमरा मॉड्यूल, डिस्प्ले असेंबली आदि के स्थानीयकरण में पर्याप्त निवेश किया गया है।
आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने कहा, हमारा ध्यान मुख्य रूप से दुनिया के लिए विनिर्माण पर होना चाहिए कोई भी अर्थव्यवस्था या क्षेत्र अपने देश के लिए एक विशाल निर्यात आधार बनाए बिना महान नहीं बन सकता है। उन्होंने कहा, यह सही समय है कि मोबाइल फोन विनिर्माण क्षेत्र के उत्कृष्ट प्रदर्शन को भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) उद्योग के अन्य क्षेत्रों जैसे आईटी हार्डवेयर, वियरेबल्स एंड हियरेबल्स, इलेक्ट्रॉनिक घटकों आदि में दोहराया जाना चाहिए।
सरकार ने 2025-26 तक 300 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण हासिल करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 100 अरब डॉलर निर्यात से आने की उम्मीद है। इसमें अकेले मोबाइल फोन के निर्यात में 50 अरब डॉलर से अधिक का योगदान होने का अनुमान है। आईसीईए ने कहा, भविष्य भी आशाजनक है। कुल 17 हजार करोड़ रुपये के पूंजीगत परिव्यय और वैल्यू चेन विकास पर स्पष्ट फोकस के साथ आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 निश्चित रूप से प्रभावशाली परिणाम देगा।
पांच तेल कंपनियां शेयरधारकों को देंगी तोहफा, 100 अरब डॉलर से ज्यादा करेंगी वितरित
लंदन
जीवाश्म ईंधन मुनाफे पर बढ़ते जनाक्रोश की पृष्ठभूमि में दुनिया की पांच सबसे बड़ी सूचीबद्ध तेल कंपनियों द्वारा अपने निवेशकों को 2023 के लिए 10 करोड़ डॉलर से अधिक के रिकॉर्ड भुगतान के साथ पुरस्कृत किए जाने की उम्मीद है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई। रिपोर्ट के मुताबिक, इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) के अनुसार, पांच 'सुपर-मेजरÓ बीपी, शेल, शेवरॉन, एक्सॉनमोबिल और टोटलएनर्जीज ने शेयरधारकों को 2022 कैलेंडर वर्ष में 104 अरब डॉलर के लाभांश भुगतान और शेयर बायबैक की सौगात दी थी।
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद बड़ी तेल और गैस कंपनियों के लिए एक साल के रिकॉर्ड मुनाफे के बाद बंपर भुगतान हुआ, जिससे वैश्विक ऊर्जा बाजार में गिरावट आई, जिससे ब्रेंट क्रूड की अंतर्राष्ट्रीय कीमत में वृद्धि हुई और पूरे यूरोप में गैस की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई।
आईईईएफए के वित्तीय विश्लेषकों ने कहा कि कमोडिटी बाजार की कीमतों में गिरावट के कारण मुनाफा कम होने के बावजूद कंपनियों को इस साल और भी ज्यादा शेयरधारक वितरण का भुगतान किए जाने की संभावना है। भुगतान उस वर्ष के बाद भी किया जाएगा, जो रिकॉर्ड पर किसी भी वर्ष की तुलना में अधिक गर्म होने की उम्मीद है, जलवायु आपातकाल के कारण चरम मौसम की घटनाओं की एक श्रृंखला हुई है।
आईईईएफए के एक विश्लेषक, ट्रे कोवान ने कहा : शेयर बायबैक और लाभांश के जरिए वितरण की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए ये पांच सुपर-मेजर 2023 में शेयरधारकों को वितरण के लिए एक रिकॉर्ड स्थापित कर सकते हैं, जो 2022 कैलेंडर वर्ष के दौरान खर्च किए गए 104 अरब डॉलर से जयादा होगा।