नई दिल्ली
इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने एक ऐसा बयान दिया है, जिससे लगता है कि उनको अपने रिटायरमेंट पर पछतावा है, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा है कि वह कुछ साल और खेल सकते थे, लेकिन वह शीर्ष पर रहना चाहते थे और इसलिए उन्हें अपने करियर पर कोई पछतावा नहीं है। ब्रॉड ने द ओवल में पांचवें और अंतिम एशेज टेस्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उन्होंने 167 टेस्ट मैचों में 604 विकेट लिए थे और कुल 847 अंतरराष्ट्रीय विकेट उन्होंने अपने करियर में चटकाए।
स्काई स्पोर्ट्स को दिए इंटरव्यू में स्टुअर्ट ब्रॉड ने कहा, "मैं मन ही मन महसूस करता हूं कि मैं कुछ और वर्षों तक खेल सकता था, लेकिन मैं शीर्ष पर रहना चाहता था, इंग्लैंड की शर्ट पहनकर करियर का समापन करना चाहता था और खुद उस पर नियंत्रण रखने में सक्षम होना चाहता था। मुझे कोशिश करनी थी और सही समय पर क्रिकेट छोड़कर जाना था। मैं यह कर पाने में सफल हुआ। मुझे अभी तक कोई पछतावा नहीं है, जो मुझे लगता है कि यह सही निर्णय था, क्योंकि मेरे टीम के साथी खिलाड़ी इंग्लैंड की कैप और व्हाइट जर्सी पहने आखिरी बार मेरे साथ मैदान पर थे और मुझे अच्छा लगा कि 'वाह, मैं फिर कभी ऐसा नहीं करूंगा।'"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने अलग-अलग इरा के प्रत्येक खिलाड़ी से बात की है, एक बार यह अनुभव हुआ है कि 'मैं अब पेशेवर क्रिकेटर नहीं हूं।' चाहे वह तब हो जब इंग्लैंड भारत का दौरा करता है या जब नॉटिंघमशायर अप्रैल में ट्रेंट ब्रिज में मैदान में उतरता है, मुझे यकीन नहीं है, लेकिन मैं इससे बेहतर तरीके से अपने करियर को खत्म नहीं कर सकता था। अगर मैं और 10 साल खेलता, तो मैं उस फिनिश को कभी नहीं दोहरा पाता। मुझे अपने रिटायरमेंट को लेकर कोई पछतावा नहीं है।" उस सीरीज में स्टुअर्ट ब्रॉड 5 मैचों में 22 विकेट लेकर इंग्लैंड के लिए उस सीजन सबसे बड़े खिलाड़ी थे।