मुंबई
नाना पाटेकर आज 73 साल के हो गए हैं। नाना एक्टर होने के अलावा स्क्रीनराइटर, फिल्ममेकर भी हैं। उन्होंने अपने टैलेंट के दम पर पहचान बनाई है, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था। बचपन गरीबी में कटा। पेंटर के तौर पर 35 रुपए महीने की सैलरी पर काम किया। स्मिता पाटिल ने टैलेंट पहचाना और उनके कहने पर नाना फिल्मी दुनिया में आए। उन्होंने अब तक तीन नेशनल अवॉर्ड्स अपने नाम किए हैं। 2013 में उन्हें सिनेमा में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। एक छोटे से रोल के जरिए अपनी एक्टिंग पारी की शुरूआत करने वाले नाना ने परिंदा, प्रहार, तिरंगा, क्रांतिवीर, खामोशी द म्यूजिकल समेत कई फिल्मों में काम किया है।
सिर्फ 13 की उम्र में शुरू किया काम
नाना पाटेकर का जन्म 1 जनवरी 1951 को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के मुरूड-जंजीरा गांव में हुआ। उनके पिता दिनकर पाटेकर पेशे से पेंटर थे और उनका बिजनेस भी था। नाना की मां संजनाबाई हाउसवाइफ थीं। उनके दो भाई हैं जिनके नाम अशोक पाटेकर और दिलीप पाटेकर हैं। नाना संपन्न परिवार से थे, लेकिन उनके पिता को धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा। एक रिश्तेदार ने धोखे से उनकी पूरी संपत्ति और बिजनेस हड़प लिया। इससे परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई। पेंटर पिता बड़ी ही मुश्किल से परिवार चला पाते थे इसलिए घर चलाने के लिए नाना ने 13 साल की उम्र से काम शुरू कर दिया। स्कूल से आने के बाद वह प्रतिदिन 8 किलोमीटर का सफर कर फिल्मों के पोस्टर और जेब्रा क्रॉसिंग पेंट करने जाते थे। इसके लिए उन्हें हर महीने 35 रुपए और रोज एक वक्त का खाना मिलता था। नाना ने मुंबई के जे.जे. स्कूल आॅफ आर्ट्स से पढ़ाई पूरी की। वो कॉलेज में होने वाले नाटकों में हिस्सा लिया करते थे। उन्हें स्केचिंग का भी शौक था और अपराधियों की पहचान के लिए वह मुंबई पुलिस को उनके स्केच बनाकर दिया करते थे।