नई दिल्ली
आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) लगभग शत प्रतिशत कार्रवाई करने में सफल रही। एजेंसी से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक एनआईए ने 2023 में 94.70 प्रतिशत दोष सिद्धि दर दर्ज की और 56 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की। इस दौरान 625 लोगों को गिरफ्तार किया।
आईएसआईएस मामलों में अब तक एनआईए ने 65 आरोपित, जिहादी आतंकी मामलों में 114, मानव तस्करी के मामलों के 45, आतंकवादी और संगठित आपराधिक गतिविधि के 28 आरोपित और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) मामलों के 76 आरोपितों को गिरफ्तार किया। आतंकवाद रोधी एजेंसी ने 2023 में कुल 68 मामले दर्ज किए। 2023 के दौरान दोषी ठहराए गए 74 आरोपितों को सजा के रूप में 'कठोर कारावास' और 'जुर्माने' की सजा सुनाई गई। एनआईए 2023 में 47 आरोपितों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने में कामयाब रही।
एनआईए ने अमृतपाल सिंह उर्फ अम्मी, अमरीक सिंह, मनप्रीत सिंह और मनदीप सिंह को फिलीपींस से निर्वासित किया था। विक्रम बरार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से निर्वासन के बाद गिरफ्तार किया था। निर्वासन और प्रत्यर्पण पर की गई गिरफ्तारियां अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार अपराधियों का पीछा करने के लिए एनआईए की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
एनआईए ने 56 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कीं, जो 2022 में 10.5 करोड़ रुपये से अधिक है। 2023 में कुर्क की गई 1.5 करोड़ रुपये की 12 संपत्तियां छह सूचीबद्ध 'व्यक्तिगत आतंकवादियों' की थीं। एनआईए की तरफ से आतंकवादी-गैंगस्टर गठजोड़ को ध्वस्त करते हुए 2023 में दो मामले दर्ज किए गए। इनमें 55 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया। इसके साथ ही 253 छापे मारे गए, 27 गिरफ्तारियां की गईं और 18 संपत्तियों की कुर्की की गई। प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) और पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर कार्रवाई के तहत मई में सीपीआई (माओवादी) से अलग हुए समूह पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप की गिरफ्तारी हुई।
एनआईए की तरफ से प्रस्तावित छह व्यक्तियों, मोहम्मद अमीन खुबैब, अरबाज अहमद मीर, डॉ आसिफ मकबूल डार, अर्शदीप सिंह गिल, हरविंदर सिंह संधू और लखबीर सिंह लांडा को 2023 में 'व्यक्तिगत आतंकवादी' के रूप में नामित किया गया था। इसके अलावा, एनआईए की सिफारिश पर चार आतंकवादी संगठनों – द रेजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ), पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ), जम्मू और कश्मीर गजनवी फोर्स (जेकेजीएफ) और खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ)) पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया।