सेन्ट्रल इंडिया के सबसे बड़े ज्योति कक्ष का निर्माण

रायपुर

छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी दंतेवाड़ा में निमार्णाधीन मां दंतेश्वरी कॉरिडोर कुछ ही महीनो में मूर्त रूप लेने जा रहा है। गुणवत्तापरक निर्माण कार्य जिस गति से चल रहा है निर्धारित अवधि से पहले ही पूर्ण हो जाने की संभावना है। सभी की धार्मिक आस्था के अनुरूप इसका ड्राइंग-डिजाइन किया गया है। डंकनी नदी के किनारे रिवर फ्रंट का काम और मेन रोड से मंदिर तक कॉरिडोर का निर्माण जब पूरा हो जायेगा तो यह काफी अलौकिक और दर्शनीय नजर आएगा। लगभग 6 एकड़ के करीब एरिया में सभी विकास व निर्माण कार्य हो रहे हैं। देश के अन्य धार्मिक स्थलों में जिस प्रकार कॉरिडोर का आकर्षण है वैसा ही नजारा यहां पर भी दिखेगा।  

वैसे तो प्राचीन मां दंतेश्वरी मंदिर के प्रति आस्था देश व विदेश भर से आने वाले लोगों के बीच है। लेकिन समय के साथ  कुछ आधुनिक स्वरूप का कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव बना था और उसी पर काम चल रहा है। मुख्य द्वार से मंदिर तक टेनसाइल शीट से वृहद साइज का सेड लगभग लग चुका है। भव्य प्रवेश द्वार और अन्य जगहों पर राजस्थान के सिंकदरा से मंगाए गए पत्थरों को कुश्ल कारीगरों द्वारा तराशा जा रहा है। 700 फीट का इंटे्रंस कॉरिडोर, सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा ज्योति कक्ष पुराने ज्योति कक्ष से हटकर बनाया गया है जो 24 परिकोटा में हैं। दीप स्तंभ व लोटस फाउंटेन भी खास आकर्षण होंगे। भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की प्रतिमा, शिव जी व कदम के पेड़ पर विराजे श्रीकृष्ण की प्रतिमा पूर्ण हो चुकी है। 52 फीट ऊंची साइज में हनुमान जी की प्रतिमा बन रही है। 30 दुकाने एक सामान्य साइज की निकाली गई है जो स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का साधन भी बनेगा। जहां पूजन सामग्री व अन्य सामान बिक्री की जा सकेगी। दोनों ही नवरात्रि में सामान्य दिनों की अपेक्षा श्रद्धालुओं के आने की संख्या बढ़ जाती है जो कॉरिडोर बन जाने के बाद सुविधाजनक दर्शनार्थ सुलभ हो जायेगा।

सारे निर्माण कार्य गुणवत्ता और पूरी पारदर्शिता के साथ हो रहे हैं। संबंधित विभाग के अधिकारी भी सतत मानिटरिंग कर रहे हैं। खुद जिला कलेक्टर विनीत नंदनवार ने कहा है कि काम उच्च गुणवत्ता और पारदर्शिता के साथ तेजी चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कॉरिडोर जल्द ही जनता के लिए समर्पित होगा।

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