मॉस्को/कीव। यूक्रेन में अचानक हमला करने के एक महीने बाद, रूस ने शुक्रवार को रणनीति में एक आश्चर्यजनक बदलाव की घोषणा की है। जिसमें जोर देकर कहा गया है कि, वह अब विद्रोही-प्रभुत्व वाले डोनबास क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस वक्त जब रूस पूरे यूक्रेन में हमले कर रहा है, उस वक्त सिर्फ एक क्षेत्र में ऑपरेशन को अंजाम देने का फैसला हैरान करने वाला है। हालांकि, रूस की तरफ से बयान देते हुए कहा गया है कि, यूक्रेन युद्ध का पहला चरण समाप्त हो रहा है और अब युद्ध का दूसरा चैप्टर शुरू हो रहा है। वहीं, सवाल उठ रहे हैं, कि क्या रूस युद्ध में हार के कगार पर है?
ऑपरेशन का पहला चरण पूरा
रूस के जनरल स्टाफ के उप प्रमुख सर्गेई रुडस्कोई ने काफी अहम बयान देते हुए कहा कि, “ऑपरेशन के पहले चरण के मुख्य उद्देश्यों को आम तौर पर पूरा किया गया है। यूक्रेन के सशस्त्र बलों की युद्ध क्षमता काफी कम हो गई है, जिससे मुख्य लक्ष्य डोनबास की आजादी प्राप्त करने पर हमारे मुख्य प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना संभव हो गया है।” रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के उप प्रमुख सर्गेई रुडस्कोई ने इसके साथ ही अगले चरण की शुरूआत करने की पुष्टि की है। यूक्रेन अभी भी बंदरगाह शहर मारियुपोल शहर सहित प्रमुख शहरों पर लगातार बमबारी की है। हालांकिं, माना जा रहा है कि, रूस के पहले चरण के लक्ष्य में राजधानी कीव में भी दाखिल होना और उसपर कब्जा जमाना था, लेकिन रूसी आर्मी ऐसा नहीं कर पाई है और यूक्रेनी सैनिकों के प्रतिरोध ने रूसी आक्रमण को हैरान कर दिया है। जिसके बाद रूस की सेना ने दूसरे चरण के लिए नये लक्ष्य बनाए हैं।
युद्ध का चैप्टर-2 शुरू
रूस ने पहले कहा था कि, यूक्रेन में सैन्य अभियान का प्रमुख लक्ष्य यूक्रेन में विसैन्यीकरण करना है, यानि, यूक्रेन के पास जितने भी हथियार और सैन्य संसाधन हैं, उन्हें नष्ट करना है, लेकिन अब रूस ने अपना इरादा बदल दिया है और युद्ध के एक महीने बीत जाने के बाद अब रूस ने कहा है कि, उसका उद्येश्य डोनबास की आजादी है। यानि, रूस ने यूक्रेन के एक और टुकड़े का अपना नया लक्ष्य बनाया है। इससे पहले साल 2014 में रूस पहले ही यूक्रेन से उसका क्रीमिया इलाका छीन चुका है। आपको बता दें कि, यूक्रेन का डोनबास क्षेत्र वो इलाका है, जहां रूस समर्थक अलगाववादी रहते हैं और रूस का कहना है, कि डोनबास में रूस मूल के लोगों को यूक्रेन प्रताड़ित करता है, उन्हें मारता है, इसीलिए वो डोनबास को आजाद करवाना चाहता है। युद्ध की शुरूआत में ही राष्ट्रपति पुतिन ने डोनबास के दोनों क्षेत्र को अलग राज्य का दर्जा दे दिया है और उसके बाद ही रूस ने यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया था।
रूस के चैप्टर-2 का मतलब
रूस यूक्रेन में अपने सैन्य लक्ष्यों को पूरी तरह से डोनबास के पूर्वी क्षेत्र पर कब्जा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, क्योंकि रूस की सेना राजधानी कीव पर कब्जा करने में नाकामयाब रही है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय नीति परामर्श फर्म, रासमुसेन ग्लोबल के नीति निदेशक हैरी नेडेलकु ने कहा है कि, ‘युद्ध में रूस के नाक से भी खून निकल रहा है और रूस को भी भारी नुकसान रहा है और वो कीव में घुस तक नहीं पाया है। लिहाजा, रूस अब अपनी महत्वाकांक्षा पर तेजी से काम करना चाहता है और पूरे यूक्रेन को छोड़कर सिर्फ एक क्षेत्र पर फोकस करना चाहता है, ताकि वो पूर्वी यूक्रेन को पूरी तरह से अलग कर दे।’ रूस के चैप्टर-2 का मतलब ये हुआ, कि रूस अब युद्ध को जल्द खत्म करना चाहता है, लेकिन वो ऐसा कर नहीं पा रहा है, लिहाजा युद्ध के बीच में वो अपना नया गोल बना रहा है। यानि, रूस यूक्रेन में सत्ता परिवर्तन करने में नाकाम रहा है, जो पुतिन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा।
यूक्रेन की नई अपील
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस से एक बार फिर युद्धविराम की अपील की है और अपने दैनिक रात्रि भाषण में यूक्रेन के वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक बार फिर क्रेमलिन को एक नई अपील भेजी है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने सीधे तौर पर रूस के राष्ट्रपति को संबोधित किया है और कहा कि, “यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की गारंटी दी जानी चाहिए। शर्तें निष्पक्ष होनी चाहिए, क्योंकि, यूक्रेनी लोग उन्हें अन्यथा उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे।”
थिएटर पर हमला, 300 मरे
अब इस बात की पुष्टि हो चुकी है, कि मारियुपोल शहर में एक प्रतिष्ठित थिएटर पर हुए हमले में 300 से ज्यादा लोग मारे गये हैं। रूस ने ये हमला 16 मार्च को किया था और अब रेस्क्यू ऑपरेशन में पता चला है कि, थियेटर में शरण लेने वाले 300 से ज्यादा लोग हमले के बाद मारे गये हैं। मारियुपोल यूक्रेन का बंदरगाह शहर है और रूस लगातार इस क्षेत्र को छीनने की कोशिश में है, ताकि यूक्रेन को समुद्र से काटकर अलग किया जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक, जब थिएटर पर रूस ने हमला किया था, उस वक्त वहां पर करीब 1300 से ज्यादा लोगों ने शरण ले रखी थी और पिछले एक महीने में रूस के द्वारा किया गया ये सबसे भीषण हमला था।
रूस के खिलाफ नये कदम
कई रिपोर्टों में दावा किया गया है, कि मॉस्को पर वैश्विक दबाव बढ़ाने के लिए एक नए कदम में संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूसी ऊर्जा पर निर्भरता को कम करने के लिए एक नए सौदे की घोषणा की है। यानि, आने वाले वक्त में रूस से तेल और गैस खरीदना कम कर दिया जाएगा, जिससे रूस को बड़ा झटका लगेगा।