रूसी हमलों से मची तबाही; यूक्रेन को 30 दिनों में हुआ 100 अरब डॉलर का नुकसान, हजारों की गई जान

कीव। रूस-यूक्रेन के बीच 24 फरवरी को शुरू हुए जंग को 30 दिन पूरे हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन की आबादी करीब 4.41 करोड़ है। इसमें से एक करोड़ से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। अकेले 36 लाख लोगों ने सात पड़ोसी मुल्कों में शरण ली है। 65 लाख लोग ऐसे हैं जो युद्धग्रस्त देश में ही अलग-थलग पड़ गए हैं। 22 लाख लोग जो यूक्रेन में फंसे हैं वो घर छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
रहम: यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों ने शरणार्थियों को अपने यहां अगले तीन साल तक रहने के लिए कहा है। इस दौरान वे अपनी योग्याता अनुसार काम भी कर सकेंगे।
फैमिली वीजा: ब्रिटेन ने कठिन हालात में यूक्रेन के लोगों की सहूलियत के लिए फैमिली वीजा की व्यवस्था लागू कर दी है। इसके तहत उसने 12,400 वीजा जारी भी कर दिए हैं।
तबाह होने वाले प्रमुख शहरें
कीव, मारियुपोल, सुमी, खेरसॉन, चेर्नीहीव, ओडेसा, खारकीच्र माइकोलेव बमबारी से बुरी तरह तबाह। यहां शिक्षण संस्थानों, औद्योगिक इकाइयों, पुस्तकालयों और खेल संस्थानों को क्षति।
यूक्रेन का दावा: रूस को नुकसान
15,800 रुसी सैनिक मार गिराए जा चुके हैं।
530 से अधिक रूसी टैंक पूरी तरह से तबाह।
1597 सैन्य वाहन कार्रवाई में क्षतिग्रस्त।
47 एयर डिफेंस सिस्टम निष्क्रिय किए गए।
108 लड़ाकू विमान मार गिराए गए हैं।
124 हेलिकॉप्टरों को जमींदोज किया गया।
72 ईंधन वाले ट्रक आग का गोला बने।
50 से अधिक ड्रोन हवा में खत्म किए गए।
रूस कार्रवाई में यूक्रेन को हुई क्षति
953 नागरिकों की मौत, इसमें 128 बच्चे शामिल हैं, 172 घायल।
250 से अधिक उड़ाने रूसी लड़ाकू विमानों ने बम गिराने के लिए भरी।
750 से अधिक मिसाइलें रूसी सेना ने यूक्रेन पर दागी।
566 शिक्षण संस्थानों पर हमला, 73 पूरी तरह हुए तबाह।
64 से अधिक अस्पताल जमींदोज, डब्ल्यूएचओ के अनुसार।
20 से अधिक हेलिकॉप्टर रूसी सेना ने मार गिराए हैं।
युद्ध में यूक्रेन को अबतक 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान
रूस की सैन्य कार्रवाई में यूक्रेन को अबतक 100 अरब डॉलर से अधिक की क्षति का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) ने कहा है कि हालात इसी तरह रहे तो यूक्रेन की अर्थव्यवस्था दो दशक पीछे चली जाएगी।
गरीबी का मंडरा रहा खतरा
यूएनडीपी के प्रशासनिक अधिकारी एकीम स्टेनर का कहना है कि युद्ध के भीषण हालात और ध्वस्त हो चुकी अर्थव्यवस्था के कारण यूक्रेन के 90 फीसदी लोग गरीबी का सामना कर सकते हैं। यूक्रेन में करीब एक करोड़ लोग आने वाले समय में मदद पर आश्रित होंगे, 1.8 करोड़ लोग युद्ध से बुरी तरह प्रभावित होंगे जबिक 70 लाख लोगों के पास अपना घर नहीं होगा।
यूक्रेन की 30 फीसदी अर्थव्यवस्था पर ताला
यूक्रेन के वित्त मंत्री सेरिही मार्चेंस्कों ने कहा है कि युद्ध के कारण यूक्रेन की 30 फीसदी अर्थव्यवस्था पर ताला लग गया है। यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में संचालित उद्योगों को भारी नुकसान हुआ है। कई आर्थिक इकाइयां इतनी तबाह हो चुकी हैं उन्हों दोबारा खड़ा करना मुश्किल होगा। जो उद्योग धंधे चल रहे हैं वहां उत्पादन की दर पहले की तुलना में काफी कम है।
35 फीसदी गिर सकती है अर्थव्यवस्था
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चेताया है कि यूक्रेन में रूसी सेना की कार्रवाई के चलते यूक्रेन की अर्थव्यवस्था 35 फीसदी तक गिर सकती है। मारियुपोल में हवाई अड्डे और बंदरगाद बंद पड़े हैं जिस कारण यूक्रेन से आयात होने वाले वस्तुओं में 50 फीसदी तक की कमी आई है। कई बंदरगाह और एयरपोर्ट हमले में तबाह हो चुके हैं जिससे व्यापार मार्ग ठप हो गया है।

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