नाटो के सैनिकों की रूस से सटे देशों में तैनाती

ब्रसेल्स। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) अपने पूर्वी हिस्से में तैनात बलों को बढ़ाने के लिए तैयार है। यह जानकारी नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने दी। रूस- यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष पर चर्चा करने के लिए नाटो के शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सहयोगी ‘जमीन पर, हवा में और समुद्र में’ नाटो की स्थिति को मजबूत करने के लिए सहमत होंगे।
स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि पहला कदम चार नए नाटो युद्ध समूहों की तैनाती है, जिसमें बुल्गारिया, हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया शामिल हैं। नाटो के महासचिव ने बताया कि गठबंधन में सैकड़ों हजारों सहयोगी सैनिक हैं, जिनमें यूरोप में 1,00,000 अमेरिकी सैनिक और ज्यादातर गठबंधन के पूर्वी हिस्से में सीधे नाटो कमांड के तहत 40,000 सैनिक शामिल थे। इन्हें प्रमुख वायु और नौसैनिक शक्ति का समर्थन प्राप्त है।
स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सहयोगी अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए सहमत होंगे, जिसमें साइबर सुरक्षा सहायता के साथ-साथ यूक्रेन को रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु खतरों से बचाने में मदद करने के लिए उपकरण शामिल हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की के बैठक को संबोधित करने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि जैविक या रासायनिक हथियारों के किसी भी उपयोग के घातक परिणाम होंगे, जबकि इस बात पर जोर देते हुए कि नाटो किसी भी समय, किसी भी खतरे के खिलाफ सहयोगियों की रक्षा और बचाव के लिए तैयार हैं। नाटो शिखर सम्मेलन गुरुवार को ब्रुसेल्स में आयोजित किया जाएगा। यूक्रेन में युद्ध के खिलाफ पश्चिमी एकता के प्रदर्शन में, ब्रुसेल्स गुरुवार को जी7 और ईयू शिखर सम्मेलन की भी मेजबानी करेगा। नाटो के इस कदम से रूस के साथ उसका तनाव और ज्‍यादा भड़क सकता है। वह भी तब जब यूक्रेन को हथियार देने से रूस पहले से ही खफा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *