रविवार को आरामतलबी के मूड में रहने वाले जेल प्रशासन को दिए कई अहम निर्देश
लखनऊ। योगी सरकार के मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी रविवार को अचानक लखनऊ जेल पहुंचे जिससे छुट्टी के दिन आरामतलबी के मूड में रहने वाले जेल प्रशासन में खलबली मच गई। इस दौरान अवस्थी के साथ डीजीपी ओपी सिंह, गृह विभाग तथा पुलिस महकमे के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। लखनऊ जेल में वर्तमान समय में कई आतंकियों के साथ पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति तथा पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्रा भी बंद हैं। बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से जेलों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार बेहद सतर्क है।
निरीक्षण के दौरान अवस्थी ने जेल भवन का सोलर पॉवर प्लांट व सीवेज हैंडओवर कराने के सम्बन्ध में निर्माण निगम के साथ प्रक्रिया पूरी की जाय। जेल में सीसीटीवी अपग्रेड करने के साथ ही कैमरों की संख्या 200 तक बढ़ाने का इसका प्रस्ताव एक सप्ताह में शासन को दिया जाये। जेल के चिकित्सालय में डिजिटल एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था के लिए बजट हासिल करके 15 दिन के भीतर खरीददारी की जाय। जेल में स्टाफ़ की कमी का विवरण देने के साथ ही जेल में महिला क़ैदियों की व्यक्तिगत शिकायत पर रिपोर्ट दी जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि जेल के कूड़ा निस्तारण के लिए नगर पंचायत गोसाईंगंज का प्रस्ताव शासन को भेजा जाय। जेल में मज़दूरी की दर का पुनरीक्षण प्रस्ताव ज़िलाधिकारी 10 दिन में भेजें तथा जेल में वीडियो कान्फ्रेसिंग की व्यवस्था की जाय।
इसके अलावा मुख्य सचिव गृह अवस्थी ने कहा कि जेल में एसटीपी की व्यवस्था के लिए ज़िलाधिकारी और वरिष्ठ जेल अधीक्षक विशेषज्ञ से स्टडी कराकर प्रस्ताव भेजें। उन्होंने जेल में महिला बंदियों के साथ छोटे बच्चों का विशेष ध्यान देने, खेल सामग्री की व्यवस्था करने, सीसीटीवी की फीड 60 दिन तक सुरक्षित रखने, मुलाक़ाती की व्यवस्था ऑनलाइन करने सम्बन्धी जेल का विवरण 10 दिसम्बर, 2019 तक देने के निर्देश दिए। जेल के आवासीय परिसर का ट्यूबवेल फेल होने के बारे में उन्होंने डीजी जेल से 10 दिसम्बर, 2019 तक आख्या मांगी।
इस निरीक्षण के बाद जेल के अधिकारी तथा कर्मचारी बेहद घबराए नजर आ रहे हैं। रविवार को आमतौर पर लखनऊ जेल में काफी लोग बेहद आराम के मूड में होते हैं लेकिन आज इस औचक निरीक्षण से लखनऊ जेल प्रशासन में जबरदस्त खलबली मची। निरीक्षण के दौरान लखनऊ के डीएम तथा एसएसपी भी थे।