बीजिंग
चीन में रियल एस्टेट संकट का असर अब बैंकिंग सेक्टर पर भी दिखने लगा है। देश की प्रमुख वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी Zhongzhi ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह अपना पूरा बिल चुकाने की स्थिति में नहीं है। इस ग्रुप से जुड़ी कंपनियों के कई अधिकारी पिछले कुछ दिनों में लापता हो चुके हैं। देश का रियल एस्टेट पिछले कई साल से संकट में है। जीडीपी में इसकी 25% हिस्सेदारी है। यह वजह है कि संकट के कारण पूरी इकॉनमी के डूबने की आशंका जताई जा रही है। इसने धीरे-धीरे दूसरे सेक्टर्स को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। इसका पहला शिकार तीन ट्रिलियन डॉलर का शैडो बैंकिंग सेक्टर हुआ है। Zhongzhi ने रियल एस्टेट सेक्टर में भारी निवेश कर रखा है।
Zhongzhi ग्रुप चीन की बड़ी प्राइवेट कंपनियों में से एक है जिसका बिजनस फाइनेंशियल सर्विसेज, माइनिंग और इलेक्ट्रिक वीकल्स तक फैला है। इस ग्रुप की लिस्टेड एजुकेशन फर्म Dalian My Gym Education Technology की चेयरपर्सन Ma Hongying लापता हैं। इसी तरह Xinjiang Tianshan Animal Husbandry Bio-engineering के चेयरमैन मा चेंगशुई भी गायब हैं। ये दोनों लोग कई साल से Zhongzhi से जुड़े हैं। 38 साल की मा होंगयिंग 2015 से कंपनी की चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर थीं। उन्हें 2022 में Dalian My Gym Education Technology का चेयरपर्सन बनाया गया था। Zhongzhi ने कुछ साल पहले इस कंपनी का अधिग्रहण किया था।
एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी लापता
इसी तरह 59 साल के मा चेंगशुई अपनी कंपनी के प्रमुख होने के साथ-साथ Zhongzhi में वाइस-प्रेसिडेंट थे। इससे पहले वह ग्रुप के चीफ रिस्क कंट्रोल ऑफिसर थे। बीजिंग के ग्रुप Zhongzhi की करीब एक दर्जन कंपनियां और वेल्थ मैनेजमेंट फर्म हैं। यह चीन की तीन ट्रिलियन डॉलर की शैडो बैंकिंग इंडस्ट्री का हिस्सा है। कंपनी पर 65 अरब डॉलर यानी 460 अरब युआन की देनदारी चढ़ गई है जबकि उसके पास केवल 200 अरब युआन की एसेट्स हैं। कंपनी का कहना है कि लंबे समय से उसका पैसा डेट और इक्विटी इन्वेस्टमेंट में फंसा है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग देश की इकॉनमी पर सरकार की पकड़ को मजबूत करना चाहते हैं। इस कारण निजी कंपनियों पर सख्ती की जा रही है। इस साल टेक्नोलॉजी, फाइनेंस और रियल एस्टेट सेक्टर के एक दर्जन से अधिक अधिकारी मिसिंग हैं, हिरासत में हैं या उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं। इंटरनेशनल कंसल्टिंग कंपनियों पर भी इसका असर दिख रहा है। कई कंपनियां तो चीन में अपना बिजनस बंद कर रही हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर विदेशी कंपनियों पर भी सख्ती की जा रही है।